नीतीश कुमार की टेंशन बढ़ाएंगे अरविंद केजरीवाल, AAP लड़ेगी बिहार विधानसभा चुनाव
लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त झेलने के बाद अरविंद केजरीवाल की पार्टी AAP ने दिल्ली में कांग्रेस से गठबंधन खत्म कर लिया है और इस तरह से उसने खुद को इंडी गठबंधन से बाहर कर लिया है. पार्टी की ओर से इसका ऐलान भी कर दिया है. इंडी गठबंधन से अलग होने के बाद आम आदमी पार्टी अब एक बार फिर से राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने में जुट गई है. केजरीवाल की पार्टी बिहार में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है.
आप के राज्यसभा सांसद संजय कुमार सिंह ने इसकी घोषणा कर दी है. संजय सिंह ने कहा है कि हमारी पार्टी बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है और पार्टी ने चुनावी तैयारी शुरू कर दी है. इस दौरान उन्होंने बिहार में सरकार बनाने का भी दावा किया. उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के बाद बिहार की जनता को भी दिल्ली की तरह अरविंद केजरीवाल के गुड गवर्नेंस का लाभ मिलने लगेगा.

आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी बिहार में चुनाव लड़ेगी यह तय है. लेकिन कितने सीटों पर लड़ेगी, यह हमलोग बाद में तय करके बताएंगे. संजय सिंह ने कहा कि अभी सिर्फ यह तय किया गया है कि हम लोग बिहार में चुनाव लड़ेंगे. हम इसकी तैयारी कर रहे हैं. उधर दिल्ली में भी फरवरी 2025 में विधानसभा चुनाव होने हैं. आम आदमी पार्टी की सबसे बड़ी परेशानी ये है कि उसके नेता यानी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल फिर से जेल जा चुके हैं. केजरीवाल ने खराब सेहत का हवाला देते हुए जांच के लिए सात दिनों की अंतरिम जमानत की मांग की थी, लेकिन राउज एवेन्यू कोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड पर अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. अदालत ने 14 दिन की न्याययिक हिरासत भी बढ़ा दी है, जिससे 19 जून तक अरविंद केजरीवाल को जेल में ही रहना होगा. हालांकि, कोर्ट ने संबंधित जेल अधिकारियों को केजरीवाल का जरूरी मेडिकल टेस्ट कराने का निर्देश जरूर दिए हैं.

लोकसभा चुनाव का प्रचार करने के लिए बेल पर बाहर केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों से अपील की थी कि अगर वह चाहते हैं कि मैं जेल ना जाऊं तो बीजेपी को हराएं. इसके बाद भी बीजेपी ने क्लीन स्वीप कर दिया. इसका मतलब दिल्लीवालों ने अरविंद केजरीवाल की बातें अनसुनी कर दी. ऐसी स्थिति में विधानसभा चुनाव में क्या होगा, फिलहाल सबसे बड़ा यही सवाल है. केजरीवाल की अनुपस्थिति में संगठन और सरकार दोनों में बिखराव हो सकता है. जिसका खामियाजा पार्टी को विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ सकता है. इन परिस्थितियों में आम आदमी पार्टी बिहार में क्या करिश्मा कर पाएगी, ये भी बड़ा सवाल है.





