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पटना में पुलिस मित्रों पर बरसीं लाठियां; पुलिसकर्मियों ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, BJP दफ्तर के बाहर कर रहे थे प्रदर्शन

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पटना में आज बड़ी संख्या में महिलाओं समेत ग्राम रक्षा दल (जीआरडी) के सैकड़ों सदस्य पुलिस से भिड़ गए। जिसके बाद उन्हें तितर-बितर करने के लिए हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा। राज्य भर से जीआरडी सदस्य बीरचंद पटेल पथ पर एकत्र हुए भाजपा कार्यालय की घेराबंदी करना शुरू कर दिया था। पुलिस ने बताया कि जीआरडी सदस्यों ने दैनिक भत्ता, मानदेय और ग्रामीण पुलिस और सरकारी स्कूलों के सुरक्षा गार्डों की नियुक्ति में प्राथमिकता की मांग को लेकर पटना में सुबह 7 बजे से भाजपा कार्यालय के मुख्य द्वार के पास विरोध प्रदर्शन किया, जो लंबे समय से लंबित मांग थी। वे राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए भाजपा कार्यालय के पास एकत्र हुए।

राज्य सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ नारे लगाते हुए, जीआरडी सदस्यों ने हाथों में तख्तियां और बैनर लेकर, पटना में विरोध मार्च शुरू किया और भाजपा कार्यालय का घेराव किया। सूचना मिलने पर डीएसपी (विधि-व्यवस्था) और सदर एसडीओ मौके पर पहुंचे और प्रतिबंधित क्षेत्र वाली सड़क खाली नहीं करने पर कार्रवाई करने की चेतावनी दी। डीएसपी संजय कुमार ने उन्हें बताया कि राज्य विधानसभा चालू है और उनके आदेश का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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उग्र होने प्रदर्शन पर काबू पाने के लिए पुलिस ने ग्राम रक्षा सभा के कुछ नेताओं समेत कई जीआरडी सदस्यों को हिरासत में ले लिया, जिससे प्रदर्शनकारियों में आक्रोश फैल गया और वो पुलिस से भिड़ गए। जीआरडी एक अर्ध-सरकारी निकाय है और इसके 25 हजार से अधिक सदस्य हैं। जिनमें ज्यादातर सदस्य ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत स्तर पर सुरक्षा कार्यों में लगे हुए हैं। जीआरडी सदस्य कई वर्षों से अपनी मांगों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। 2018 में जीआरडी सदस्यों ने अपनी 11 सूत्री मांगों के समर्थन में पटना में 154 दिनों का धरना दिया था। बाद में उन्होंने 2019 और 2020 में भी विरोध प्रदर्शन किया।

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प्रदर्शनकारी नीता कुमारी ने कहा कि हम ग्रामीण सुरक्षा प्रणाली का हिस्सा हैं और गांवों में शांति सुनिश्चित करते हैं और नियमित पुलिस बल पर कानून और व्यवस्था के दबाव को कम करते हैं। लेकिन सरकार हमें बहुत कम मुहैया कराती है। हम अस्तित्व के लिए लड़ रहे हैं और एक सभ्य दैनिक वेतन और अन्य सुविधाएं चाहते हैं। जीआरडी के एक अन्य सदस्य मुकेश कुमार ने हिन्दुस्तान से बात करते हुए बताया कि 2012 से उन्होंने अन्य लोगों के साथ मिलकर कोविड-19, लॉकडाउन, दुर्गा पूजा आदि के दौरान अपना कर्तव्य निभाया लेकिन सरकार ने उपेक्षा की। इस बीच डीएसपी कृष्ण मुरारी प्रसाद ने कहा कि सभी जीआरडी सदस्यों को आधिकारिक धरना स्थल गर्दनीबाग भेज दिया गया है।

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