चूल्हा-चौका तक सीमित नहीं बिहार की बेटियां, इस क्षेत्र में महिलाओं ने पुरुषों पर ऐसे बनाया दबदबा
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घर में चूल्हा-चौका तक सीमित रहने की अपनी पहचान को पीछे छोड़ बिहार की महिलाएं हर क्षेत्र में अपना नाम कमा रही हैं। अन्य क्षेत्रों की तरह ही बिहार की महिलाओं का दबदबा पर्यटन के क्षेत्र में हो गया है। पर्यटन के क्षेत्र में पुरुषों से अधिक आधी आबादी यानी महिलाओं की भागीदारी है। कुल कार्यरत लोगों में 69 फीसदी महिलाएं शामिल हैं। केंद्र सरकार के ई-श्रम पोर्टल पर हुए निबंधन से यह खुलासा हुआ है। टूरिज्म एंड हॉस्पिटलिटी के क्षेत्र में बिहार में तीन लाख 96 हजार से अधिक लोग काम कर रहे हैं।
इसमें दो लाख 74 हजार 360 यानी 69.28 फीसदी महिलाएं काम कर रही हैं। वहीं, मात्र एक लाख 21 हजार 653 यानी 30.72 फीसदी पुरुष इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं। उम्रवार देखें तो सबसे अधिक 18 से 40 वर्ष के 66.30 फीसदी लोग इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं। जबकि 40 से 50 वर्ष बीच के 21.13 फीसदी लोग काम कर रहे हैं। 50 साल से अधिक उम्र वाले 12.20 फीसदी लोग पर्यटन के क्षेत्र में कार्यरत हैं।
गाइड, वेटर के अलावा किचेन में कर रहीं काम
पर्यटन क्षेत्र में महिलाएं किचेन से लेकर गाइड और वेटर के तौर पर काम कर रही हैं। किचेन हेल्पर के तौर पर एक लाख 46472 जबकि किचेन हेल्पर्स के तौर पर 71622 लोग काम कर रहे हैं। भवनों की देख-रेख (केयर टेकर) के तौर 63847 लोग काम कर रहे हैं। खाना बनाने के तौर पर 61191 कामगार हैं। वेटर के तौर पर दस हजार से अधिक लोग काम कर रहे हैं। 1688 ट्रेवल गाइड के तौर पर काम कर रहे हैं। रूम अटेंडेंट के तौर पर 1433 लोग काम कर रहे हैं। 1277 ट्रेवल एजेंट हैं। टूरिस्ट गाईड के तौर पर 745 लोग काम कर रहे हैं।
देश में तीसरे पायदान पर बिहार
पर्यटन के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों में बिहार तीसरे पायदान पर है। सबसे अधिक उत्तरप्रदेश के 12 लाख 87 हजार 20 लोग पर्यटन के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। जबकि दूसरे पायदान पर रहे पश्चिम बंगाल में तीन लाख 98 हजार 91 लोग कार्यरत हैं। तीसरे पायदान पर बिहार है जहां के तीन लाख 96 हजार 13 लोग पर्यटन के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। पंजाब में दो लाख 653 तो महाराष्ट्र में एक लाख 83 हजार 216 लोग इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं।