विधायकों के बाद अब जदयू सांसदों से नीतीश की वन टू वन मुलाकात, कईयों के पास पहुंचा बुलावा, सियासी अटकलें तेज
बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के सर्वमान्य नेता नीतीश कुमार रविवार से अगले तीन दिनों तक अपने दल के लोकसभा व राज्यसभा के सांसदों से मिलेंगे। उनकी यह मुलाकात एकांत में और अलग-अलग होगी। बताया जाता है कि वन-टू-वन होने वाली इस मुलाकात को लेकर ज्यादातर सांसदों को मुख्यमंत्री का बुलावा जा चुका है। सांसदों की पटना में उपलब्धता के मुताबिक सीएम से मुलाकात के लिए उनका समय निर्धारित किया गया है।
जहानाबाद सांसद चंदेश्वर प्रसाद चन्द्रवंशी ने कहा कि वे पटना में हैं और सूचना मिली है, मुख्यमंत्री जी का संदेश आते ही वे मिलने पहुंचेंगे। वहीं सीतामढ़ी के सांसद सुनील कुमार पिंटू ने पूछने पर बताया कि मुख्यमंत्री जी से बात हुई है। दो दिन वे अपने क्षेत्र में व्यस्त हैं। मंगलवार को अपने नेता से मिलने सीएम हाउस जायेंगे। गौरतलब है कि फिलहाल जदयू के लोकसभा में 16 जबकि राज्यसभा में 5 सांसद हैं। इनमें से एक को छोड़कर शेष सभी के तीन दिनों के दरम्यान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने के आसार हैं।
विधायकों के बाद अब सांसदों से मिलेंगे नीतीश
पहले अपने विधायकों, विधान पार्षदों, ज्यादतर मंत्रियों और अब सांसदों से नीतीश कुमार के मिलने को लेकर भले ही सियासी गलियारे में कई तरह की चर्चाएं हैं, लेकिन पार्टी के विश्वस्त सूत्रों की मानें तो जदयू के बड़े से लेकर छोटे कार्यकर्ताओं की चाहत सीएम से मिलने की रहती है। इसी को लेकर यह पहल की गई है। पिछले दो-तीन दिनों में जो भी विधायक और विधान पार्षद मुख्यमंत्री से मिलकर आये उन्होंने पत्रकारों को यही बताया कि क्षेत्र का हाल-चाल लेने के लिए मुख्यमंत्री जी ने बुलाया था। विकास कार्यों की भी चर्चा हुई तथा उन्होंने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर भी मुस्तैद किया। सीएम ने अपने विधायकों, विधान पार्षदों से कहा कि कोई भी समस्या हो तो तुरंत सीधे मुझे बताइए, तत्काल समाधान किया जाएगा।
सांसदों का मन टटोलेंगे नीतीश
विपक्षी एकजुटता को लेकर देशभर की पार्टियों को एक मंच पर लाने में आरंभिक तौर पर सफल होने के बाद नीतीश कुमार की अपने दल के सभी स्तर के निर्वाचित प्रतिनिधियों से मुलाकात को जानकार भी खास बता रहे हैं। यह अपने विधायकों, विधान पार्षदों तथा सांसदों का मन टटोलने का भी अवसर माना जा रहा है। जानकारी के मुताबिक आसन्न लोकसभा चुनाव को लेकर भी मुख्यमंत्री सांसदों से बातचीत कर सकते हैं। अपने-अपने क्षेत्र में किये संबंधित सांसदों की पहल से किये गये कार्यों तथा उस क्षेत्र की समस्याओं की भी इस दौरान चर्चा होगी। साथ ही घटक दलों के नेताओं से समन्वय और संवाद बनाने का भी निर्देश सांसदों को मिल सकता है।