पहले रिक्शा चलाते थे, अब मंत्रालय चलाएंगे; जानिये रत्नेश सदा का फर्श से अर्श का सफर
बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन के नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा देने के बाद अब उनकी जगह तीन बार सोनवर्सा से जेडीयू विधायक रत्नेश सदा मंत्रिमंडल में शामिल होंगे। 16 जून को नीतीश कैबिनेट का विस्तार होगा और रत्नेश सदा मंत्री पद की शपथ लेंगे। रत्नेश सदा अच्छे वक्ता और अपने (मुसहर) समाज में खूब पढ़े लिखे व्यक्ति के रूप में प्रतिष्ठा पाते रहे हैं लेकिन उन्होंने बेहद कठिन परिश्रम से अबतक का मुकाम हासिल किया है। पिता लक्ष्मी सदा मजदूर रहे हैं। खुद रत्नेश सदा ने लम्बे समय तक रिक्शा चलाया है।
सोनवर्षा (सहरसा) विधानसभा सीट से 2020 में जदयू से लगातार तीसरी बार विधायक बने रत्नेश सादा का राजनीतिक सफर 1987 से शुरू हो गया था। वे सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर हमेशा सक्रिय रहे। वे जदयू की विभिन्न इकाईयों से राजनीति से निरंतर जुड़े रहे। जदयू महादलित प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष हैं। इससे पहले वे पार्टी में उपाध्यक्ष, प्रदेश महासचिव सह सुपौल जिला संगठन प्रभारी समेत अन्य पदों पर भी रह चुके हैं। पहली बार जदयू के टिकट पर नवंबर 2010 में विधायक बने।
चुनाव आयोग में दायर हलफनामे के अनुसार, उनकी शैक्षणिक योग्यता स्नातक है और उनकी उम्र 49 साल है। कुल घोषित चल एवं अचल संपत्ति 1.30 करोड़ है। उन पर किसी तरह का कोई आपराधिक मुकदमा नहीं है। उनके तीन पुत्र और दो पुत्री हैं। वे सहरसा जिले के कहरा कुट्टी वार्ड नं-6 के रहने वाले हैं।
कबीरपंथ को मानने वाले सदा इस रूप में भी बड़ी पहचान रखते हैं। उनकी वाणी सुनने अच्छी तादाद में लोग जुटते रहे हैं। दलित समाज के उत्थान तथा उनकी सेवा के लिए ये सदैव तत्पर तथा प्रयासरत रहे हैं।