नीतीश कुमार ने मेरे साथ गलत किया, जीतन मांझी बोले- ‘चाहता तो 6 महीने और बना रहता मुख्यमंत्री’
बिहार में नीतीश कुमार और जीतन राम मांझी की राहें बिल्कुल अलग हो चुकी है। जिस तरह से नीतीश कुमार ने मांझी की पार्टी हम को जदयू में विलय कराने की कोशिश की, उसके बाद अब जीतन राम मांझी खुलकर नीतीश कुमार के सामने आ चुके हैं।
बेटे के इस्तीफे के बाद आज जीतन राम मांझी ने आठ साल पहले हुए घटना के बारे में खुलकर बात की। मांझी ने नीतीश कुमार ने पूछा कि मेरे नौ महीने के मुख्यमंत्री के काल में ऐसी कौन सी गलती की थी कि मुझे हटा दिया गया। नीतीश कुमार ने उस समय मेरे साथ जो किया वह बिल्कुल गलत था।
कुर्सी से हटाने के लिए नीतीश कुमार ने की साजिश
मांझी ने बताया कि मैं मुख्यमंत्री था, इस नाते मैं संगठन का नेता था, कोई भी बैठक बुलाने का अधिकार था, मैंने 19 फरवरी 2015 को बैठक बुलाई थी। लेकिन अचानक नीतीश कुमार ने शरद यादव को मिलाकर हमें मुख्यमंत्री पद को लेकर हटाने की पूरी कोशिश की गई और नीतीश कुमार ने 13 फरवरी को गैर कानूनी तरीके से बैठक बुला ली। मुझे कुर्सी छोड़ने के लिए मजबूर किया गया।
चाहता था तो कर देता विधानसभा भंग
खुद पर लग रहे महात्वाकांक्षी होने के आरोपों का जवाब देते हुए हम सरंक्षक ने कहा कि अगर मैं महत्वकांक्षी होता और हमें मुख्यमंत्री बने रहने की लालसा होती तो मैं 19 फरवरी को जिस दिन हमने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। उस दिन मैं धार विधानसभा भंग किए जाने का लेटर लेकर पत्र लेकर राजपाल के पास गया था। लेकिन मैंने अपना इस्तीफा सौंपा। अगर मैं 6 महीना मुख्यमंत्री रहना चाहता तो बिहार विधानसभा को भंग कर देता।
जीतन राम मांझी ने ललन सिंह ने कहा है कि छोटी दुकान का जवाब देते हुए तो उन्होंने कहा कि हम उनका सम्मान करते हैं लेकिन वह क्या बोलते हैं उनसे फर्क नहीं पड़ता हमारे लोग लगातार कह रहे थे कि आप निश्चित कुमार से अलग हो जाए हमने फैसला ले लिया है और अब आगे का फैसला 18 जून को लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि खरीद-फरोख्त में वह लोग विश्वास करते हैं और लोगों ने यह काम किया है। जीतन राम मांझी ने जमकर भड़ास निकाली है। उन्होंने कहा कि शराब और बालू को लेकर हमने नीतीश कुमार से कई शिकायतें की थी। लेकिन हमारी नीतीश कुमार ने एक बात नहीं सुनी।