बिहार में 16 जून को होगा नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार, 3 विधायक बन सकते हैं मंत्री
बिहार में नीतीश कुमार कैबिनेट का विस्तार अब 16 जून को होगा. राज्यपाल सुबह साढ़े दस बजे नए मंत्री को शपथ दिलाएंगे. मिली जानकारी के अनुसार, जेडीयू विधायक रत्नेश सदा को मंत्री बनाया जा सकता है. मीडिया की ख़बरों के अनुसार आरजेडी खाते से भी कुछ विधायक मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. कुछ मिलाकर तीन विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है.
सूत्रों ने बताया कि बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार भाजपा नेताओं को चर्चा के लिए दिल्ली बुलाया है. माना जा रहा है कि हम पार्टी के एनडीए में शामिल होने को लेकर चर्चा हो सकती है.
16 जून को होगा नीतीश सरकार का कैबिनेट विस्तार।
रत्नेश सदा लेंगे मंत्री पद की शपथ।
राज्यपाल के पटना लौटने के बाद राजभवन में होगा शपथ ग्रहण समारोह।
JDU कोटे से फिलहाल केवल रत्नेश सदा लेंगे मंत्री पद की शपथ। #NitishKumar #Bihar #BiharPolitics #ब्रेकिंग_बिहारतक pic.twitter.com/84EU8EQRzO
— Bihar Tak (@BiharTakChannel) June 14, 2023
कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान से कहा,‘‘कैबिनेट विस्तार कुछ समय के बाद होने की उम्मीद है और जब भी यह होगा, यह सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए अच्छा होगा.’’ हालांकि, तेजस्वी ने इस बारे में पूछे गए सवालों को यह कहते हुए टाल दिया कि मंत्रियों को शामिल करना मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है. मैं भी, उपमुख्यमंत्री के रूप में अपनी हैसियत का श्रेय उन्हीं को देता हूं. इस बीच, सुमन ने अपने पत्ते नहीं खोलते हुएकहा, ‘‘हम महागठबंधन नहीं छोड़ रहे हैं. हम नीतीश कुमार के साथ एकजुटता में शामिल हुए थे, जिनके विपक्षी एकता अभियान को हम सफल बनाना चाहते हैं और जिन्हें हम प्रधानमंत्री के रूप में देखकर खुश होंगे. अगर वह हमें गठबंधन से बाहर करने का विकल्प चुनते हैं, तो हम उसका सम्मान करेंगे.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी और विधायक दल के नेता विजय कुमार सिन्हा सहित भाजपा के नेताओं ने बयान जारी कर नीतीश कुमार पर ‘‘वरिष्ठ दलित नेता मांझी को अपमानित करने’’ का आरोप लगाया. भाजपा विधायक पवन जायसवाल ने मांझी के आवास गए और बाद में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मांझी एक ऐसे नेता हैं जो हमेशा राज्य के हित में काम करते हैं. वह जो भी निर्णय लेंगे, राजग द्वारा उसका सम्मान किया जाएगा.’’ गौरतलब है कि मांझी ने 2015 में ‘हम’ का गठन किया था. उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार की वापसी के लिए रास्ता बनाने के लिए जदयू छोड़ दिया था. महीनों बाद, पार्टी ने राजग सहयोगी के रूप में बिहार विधानसभा चुनाव लड़ा था.