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ई-शिक्षा कोश : पोर्टल से एक-एक बच्चे और शिक्षक पर रहेगी नजर

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अब सरकारी विद्यालयों में छात्रों या शिक्षकों का अनुपस्थित रहना मुश्किल होगा। कोई छात्र या शिक्षक गायब रहे तो वे तत्काल नजर में आ जाएंगे। शिक्षा विभाग ने इसके लिए ई-शिक्षा कोश पोर्टल विकसित किया है। इससे विद्यालयों में शिक्षक-छात्र दोनों की मौजूदगी की निगरानी हो सकेगी। यही नहीं, इस पोर्टल के माध्यम से विद्यालयों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग की भी व्यवस्था होगी। फिलहाल पोर्टल का ट्रायल हो रहा है। इसके अंतिम परिणाम के बाद इसे प्रभावी तरीके से लागू किया जाएगा। शिक्षा विभाग के अनुसार इस वर्ष 2023-24 में यह सिस्टम काम करने लगेगा।

दरअसल, इस समय सरकारी विद्यालयों की मॉनिटरिंग की कोई केन्द्रीकृत व्यवस्था नहीं है। इससे स्कूलों की मॉनिटरिंग नहीं हो पाती है। शिक्षकों के आने-जाने के साथ-साथ छात्र-छात्राओं के विद्यालय आने पर भी विद्यालय के प्रधानाध्यापक ही नजर रख पाते हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारी समय-समय पर इसकी जांच करते हैं। लेकिन वह भी अधिक प्रभावी नहीं हो पाता है। इससे सिस्टम में चूक की संभावना बनी रहती है।

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यही नहीं, स्थानीय स्तर पर गड़बड़ी की भी शिकायतें आती हैं। प्रधानाध्यापक या शिक्षा विभाग के अधिकारियों के तटस्थ होने पर भी सवाल उठते हैं। ऐसे में ताजा पोर्टल मुख्यालय से ही शिक्षक व बच्चों पर नजर रखेगा। पोर्टल का प्रारंभिक ट्रायल सफल रहा है। लेकिन इसे तकनीकी रूप से पूरी तरह आजमाना है। अगले कुछ माह में इस पोर्टल से निगरानी शुरू हो जाएगी।

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निगरानी क्यों आवश्यक:

सरकार सरकारी स्कूलों में कई कल्याणकारी योजनाओं का संचालन करती है। यह विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति से जुड़ा होता है। बच्चे उपस्थित होंगे, तभी उन्हें इन योजनाओं का लाभ मिल सकता है। इसमें मद्याह्न भोजन, साइकिल योजना समेत कई योजनाएं शामिल हैं। कई बार बच्चों की गलत उपस्थिति दिखाकर सरकारी पैसे के दुरुपयोग की शिकायतें बराबर मिलती रहती हैं।

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कई जगहों से यह शिकायत भी आई कि कम बच्चों के आने के बाद भी विद्यालय में बच्चों की अधिक उपस्थिति दिखाकर भोजन बनाया गया। जांच में यह सब कागज पर होने की बात सामने आई। ऐसे में बच्चों की उपस्थिति पर नजर रखा जाना आवश्यक है। उधर, शिक्षक यदि विद्यालय नहीं आए तो पढ़ाई कैसे होगी? पठन-पाठन की व्यवस्था पुख्ता ढंग से तभी संचालित हो सकती है, जब उनकी उपस्थिति हो। ऐसे में उनकी उपस्थिति की भी मॉनिटरिंग आवश्यक है।

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कैसे काम करेगा ई-शिक्षा कोश :

यह अत्याधुनिक तकनीक वाला सिस्टम है। इसके तहत सभी स्कूलों के छात्र-छात्राओं और शिक्षकों की जानकारी स्कूल प्रबंधन द्वारा जिला शिक्षा कार्यालय को उपलब्ध कराया जाएगा। वहां से इसके पोर्टल विकसित करने वाली एजेंसी के माध्यम से डाटा इसमें फीड कर दिया जाएगा। फिर यदि स्कूलों में कौन आए हैं, या नहीं आए हैं, यह पता चल सकेगा। इससे उनकी उपस्थिति-अनुपस्थिति का दैनिक रिकॉर्ड तैयार होता रहेगा। इसकी रैंडम जांच भी हो सकेगी।

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शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा, ‘हम ई-शिक्षा कोश के माध्यम से सभी विद्यालयों की मॉनिटरिंग करेंगे। इसके तहत स्कूल में उपस्थित बच्चों व शिक्षकों की जानकारी भी मुख्यालय के पास होगी। यह स्कूलों के बेहतर संचालन में मददगार होगा।’

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