मोतिहारी जहरीली शराबकांड में NHRC का मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस, 6 हफ्ते में मांगी रिपोर्ट
बिहार के मोतिहारी में जहरीली शराब से हुई मौतों को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने स्वत संज्ञान लिया है। एनएचआरसी ने जहरीली शराबकांड पर चिंता जताते हुए बिहार के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है। इसमें पुलिस के स्तर पर की गई कार्रवाई, अस्पताल में पीड़ितों का इलाज, आश्रितों को मुआवजा आदि से जुड़ी जानकारी विस्तार से मांगी गई है। इसके अलावा आयोग ने घटना के लिए जिम्मेदार एवं दोषी अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में भी रिपोर्ट मांगी है।
मानवाधिकार आयोग ने अपने नोटिस में कहा कि ऐसा लगता है कि राज्य सरकार बिहार में शराबबंदी लागू करने के बाद अवैध शराब की बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगाने की अपनी नीति के क्रियान्वयन पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे रही है। इस तरह की घटनाओं से हाशिए के लोगों के जीवन के अधिकारों का हनन हो रहा है। इसके पहले दिसंबर में भी बिहार में जहरीली शराब से मौत की सूचना मिली थी जिसके बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग आयोग की टीम ने स्वत संज्ञान लेते हुए जांच के लिए अपनी टीम भी भेजी थी। अभी वह मामला भी आयोग के समक्ष विचाराधीन है।
बता दें कि पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) जिले में जहरीली शराब से अब तक 45 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कुछ लोग अस्पताल में भर्ती हैं। इससे पहले दिसंबर 2022 में छपरा में भी दर्जनों लोगों की जहरीली शराब से मौत हुई थी। उस वक्त मानवाधिकार आयोग की टीम ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया था। इसके बाद आई रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि राज्य सरकार ने मौत के आंकड़े छिपाए। बिहार सरकार की ओर से छपरा में 42 लोगों की मौत का ही दावा किया गया था, जबकि कुल 77 लोगों की इस शराबकांड में जान गई। साथ ही प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की लापरवाही की भी बात रिपोर्ट में कही गई।




