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काम की खबरः पटना एम्स में मरीजों के परिजनों को अब परेशानी नहीं, सीएम नीतीश ने किया यह ऐलान

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि पटना एम्स को 25 एकड़ अतिरिक्त जमीन राज्य सरकार की ओर से दी जा रही है। साथ ही मरीजों के परिजनों के ठहरने की व्यवस्था वहां की जा रही है, जिसमें करीब 500 लोग रह सकेंगे। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को समाधान यात्रा के क्रम में ज्ञान भवन में पटना जिले की समीक्षा बैठक में ये बाते कहीं। उन्होंने पदाधिकारियों को कई निर्देश भी दिये। इसके साथ साथ लोकनायक जयप्रकाश नारायण हड्डी अस्पताल में मरीजों को बहुत जल्द एमआरआई की सुविधा भी मिलेगी। गार्डिनर रोड अस्पताल 100 बेड के डायबिटीज सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के रूप में विकसित किया जाएगा।

बैठक में शामिल जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपने-अपने क्षेत्र की समस्याएं रखीं। जनप्रतिनिधियों की समस्याओं के समाधान के लिए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया। इसके अलावे मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्चतर शिक्षा के लिए महिलाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन योजना का लाभ तेजी से दिलाएं, कोई भी छूटे नहीं। बाढ़ में निर्माणाधीन पॉलिटेक्निक संस्थान का निर्माण कार्य तेजी से पूरा करें।

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मधुमेह के लिए 100 बेड के अस्पताल का निर्माण होगा :

पटना का न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल 100 बेड के डायबिटीज सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के रूप में तब्दील होगा। अस्पताल का नया भवन चेन्नई के डॉ. वी मोहन डायबिटीज सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की तरह तैयार होगा। बीएमएसआईसीएल के अधिकारियों, अभियंताओं के साथ न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल के निदेशक इसके लिए चेन्नई के उस अस्पताल का दौरा करेंगे। बीएमएसआईसीएल के मुताबिक पुराने भवन को तोड़कर नए भवन का निर्माण होगा। तोड़ने की कार्रवाई शुरू होने से पहले अस्पताल को गर्दनीबाग अस्पताल में शिफ्ट किया जाएगा। नया भवन बनने के बाद यहां पुन इलाज शुरू होगा। 100 बेड के अस्पताल के लिए सरकार से मंजूरी मिल गई है।

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एलएनजेपी अस्पताल में एमआरआई मशीन लगेगी :

लोकनायक जयप्रकाश नारायण हड्डी अस्पताल में मरीजों को बहुत जल्द एमआरआई की सुविधा भी मिलेगी। यह सुविधा बाजार की तुलना में लगभग आधी दर पर मिलेगी। एलएनजेपी अस्पताल में फिलहाल इसकी सुविधा नहीं होने से प्रतिदिन 50 से 60 मरीजों को बाहर से एमआरआई कराना पड़ता है। एमआरआई पर मरीजों को लगभग पांच हजार से लेकर 15 हजार रुपये तक खर्च होता है। स्वास्थ्य विभाग में सरकार के संयुक्त सचिव सुधीर कुमार ने एमआरआई मशीन लगाने संबंधी निर्देश बीएमएसआईसीएल को दिया है। मशीन को पीपीपी मोड पर लगाने को कहा है।

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गंभीर बीमारी की पहचान में होगी आसानी :

स्वास्थ्य विभाग में सरकार के संयुक्त सचिव सुधीर कुमार ने कहा कि एलएनजेपी अस्पताल के निदेशक डॉ. सुभाष चंद्रा ने विभाग से एमआरआई मशीन लगाने का आग्रह किया था। उन्होंने वहां पीपीपी मोड पर सिटी स्कैन मशीन लगने की जानकारी भी विभाग को दी थी। एमआरआई मशीन लग जाने से राज्यभर से यहां आनेवाले मरीजों को इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा। एलएनजेपी अस्पताल के निदेशक डॉ. सुभाष चंद्रा ने बताया कि यहां पहले ही पीपीपी मोड पर सिटी स्कैन की सुविधा है।

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एमआरआई मशीन लगने के बाद मरीजों को कम शुल्क पर यह सेवा उपलब्ध होगी। मशीन लगने से हड्डी-नस व रीढ़ की समस्या से गंभीर रूप से पीड़ित मरीजों की बीमारी की पहचान में आसानी होगी और उनके इलाज में सहूलियत होगी। एमआरआई के माध्यम से सिर से तलवे तक की परेशानियों को यहां तक कि शरीर के किसी भी हिस्से के कैंसर की भी पहचान आसानी से हो सकती है।

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