‘दूसरे कोचिंग गए तो जान से मार देंगे’, पटना में छात्रों को धमकी, कोचिंग संचालक और समस्तीपुर की युवती हथियार के साथ गिरफ्तार
पटना के बहादुरपुर थाने की पुलिस ने एसके सिंह केमेस्ट्री कोचिंग संस्थान के संचालक सदन कुमार सिंह और उसकी सहयोगी राधा झा को गिरफ्तार करने के साथ हैरतअंगेज जानकारी दी। इस कोचिंग संस्थान में ग्रामीण इलाकों से आए विद्यार्थियों को हथियार के बल पर नामांकन कराने के लिए मजबूर किया जाता था। कोचिंग संस्थान से देसी पिस्तौल, मैग्जीन, दो जिंदा कारतूस और मोबाइल बरामद किए गए हैं।
सदन मूलरूप से खगड़िया जिले के महेशखूंट का रहने वाला है, जबकि राधा समस्तीपुर जिले के रोसड़ा की निवासी है। एसएसपी डा मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि इनके संपर्क में कई असामाजिक तत्व थे, जिनकी पहचान कर ली गई है। वे भी जल्द गिरफ्त में होंगे।
फायरिंग में मौत के बाद खुले थे कई राज
दरअसल, बीते 27 जनवरी को एसएसपी कार्यालय के सामने सैदपुर हास्टल के विसर्जन जुलूस के दौरान फायरिंग में युवक की मौत के मामले की जांच के दौरान कई राज खुले थे। पता चला कि हास्टल और लाज में रहने वाले पूर्ववर्ती छात्रों को कोचिंग संस्थान हथियार खरीदने के लिए आर्थिक सहयोग देते हैं। इसके एवज में उन्हें संरक्षण मिलता है।
कोचिंग संचालक कई तरह के अनैतिक कार्य भी करवाते हैं। पुलिस इस सूचना के आधार पर कोचिंग संस्थानों पर नजर रख रही थी। साथ ही चंदा वसूली के आरोप में गिरफ्तार बदमाशों के मोबाइल के डिटेल भी खंगाले जा रहे थे। कुछ आपत्तिजनक एसएमएस और वाट्सएप चैट मिले थे, जिसे आधार बनाकर जांच शुरू की गई।
दूसरे के कोचिंग में गए तो जान से मार देंगे
मुखबीर से बहादुरपुर थानाध्यक्ष योगेश चंद्र को सूचना मिली कि एसके सिंह केमेस्ट्री कोचिंग संस्थान में एक विद्यार्थी को नामांकन कराने के लिए मजबूर किया जा रहा है। संचालक ने उसे हथियार भी दिखाया है। इसके तुरंत बाद थानाध्यक्ष ने वहां धावा बोल दिया और तलाशी ली। हथियार बरामदगी के बाद सदन और राधा को थाने पर लाकर पूछताछ की गई तो दोनों तोते की तरह बोल पड़े।
उन्होंने बताया कि जब कोई विद्यार्थी उनके कोचिंग में पूछताछ करने के बाद दूसरे संस्थान में नामांकन लेता था तो वे पूर्ववर्ती छात्रों को रुपये देकर उसे डराते-धमकाते थे। यहां तक कि प्रतिद्वंद्वी की कोचिंग में फायरिंग या बमबारी भी करा देते थे।
पुलिस की अपील, झांसे में न आएं
एसएसपी ने बताया कि सदन केमेस्ट्री की कोचिंग चला रहा था, लेकिन वह स्वयं इस विषय का शिक्षक नहीं है। वह कोचिंग में मैनेजर की भूमिका में था और सभी विषयों के लिए उसने कमीशन पर शिक्षक रखा था। एसएसपी ने विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों से अपील की कि पटना आकर पढ़ाई करने के इच्छुक छात्र-छात्राएं पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद ही किसी कोचिंग में दाखिला कराएं। यदि उन पर किसी प्रकार का दबाव बनाया जाता है तो वे तुरंत नजदीकी थाने में इसकी जानकारी दें।