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10 रुपये में ऑनलाइन देख सकेंगे जमीन से जुड़ीं जानकारियां, डिजिटल हुआ बिहार का राजस्व रिकॉर्ड

बिहार में इस वर्ष जमीन से संबंधित राजस्व अभिलेखों की डिजिटल हस्ताक्षरित प्रति को कानूनी वैधता मिल जायेगी. इसके बाद ये दस्तावेज न्यायालयों में भी मान्य होंगे. इसके लिए राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी का इंतजार है. यह मंजूरी बहुत जल्द मिलने की संभावना है. फिलहाल इस तरह की कानूनी मान्यता अन्य राज्यों में है. बिहार में इसके लिए राजस्व दस्तावेजों का स्कैनिंग और डिजिटाइजेशन किया जा रहा है. यह जानकारी बुधवार को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री आलोक मेहता की उपस्थिति में सचिव-सह-निदेशक जय सिंह ने विस्तार से दी. वे राजस्व अभिलेखों की डिजिटल हस्ताक्षरित प्रति ऑनलाइन उपलब्ध कराने संबंधी सेवा का शुभारंभ करने संबंधी कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस कार्यक्रम का आयोजन पटना के शास्त्रीनगर स्थित राजस्व (सर्वे) प्रशिक्षण संस्थान में किया गया था.

डिजिटल हस्ताक्षरित ए-फोर प्रति 10 रुपये में मिलेगी ऑनलाइन

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री आलोक मेहता ने कहा कि अब कोई भी किसान या रैयत ऑनलाइन तरीके से राजस्व अभिलेखों की डिजिटल हस्ताक्षरित प्रति ए-फोर साइज में 10 रुपये का ऑनलाइन भुगतान कर वेबसाइट से डाउनलोड कर प्राप्त कर सकेंगे. इनमें खतियान, जमाबंदी, दाखिल खारिज, शुद्धि पत्र की प्रति इत्यादि शामिल है. उन्होंने कहा कि भूमि सुधार के पहले विभाग की व्यवस्था में सुधार की जरूरत है. इसी के तहत आमलोगों को छह महीने पहले जमीन का नक्शा ऑनलाइन उपलब्ध करवाने की व्यवस्था हुई.

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28 जिलों में चल रहा दस्तावेजों के डिजिटाइजेशन का काम 

विभाग के सचिव–सह–निदेशक जय सिंह ने बताया कि पूरे बिहार के राजस्व दस्तावेजों का स्कैनिंग और डिजिटाइजेशन फिलहाल 38 जिलों में से 28 जिलों में चल रहा है. एक अनुमान के मुताबिक बिहार में करीब 15 करोड़ राजस्व दस्तावेज हैं, इसमें से 1.30 करोड़ के करीब राजस्व दस्तावेजों का डिजिटाइजेशन और स्कैनिंग किया जा चुका है. इनमें अंचल से लेकर भूमि सुधार उप समाहर्ता, अनुमंडल पदाधिकारी, अपर समाहर्ता, समाहर्ता, आयुक्त का कार्यालय शामिल है. इसके अलावा जिला अभिलेखागार में बड़ी संख्या में राजस्व दस्तावेज हैं जिनके डिजिटाइजेशन और स्कैनिंग का काम चल रहा है. इनको डाटा मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए संरक्षित किया जाएगा. फिलहाल खतियान, जमाबंदी, दाखिल खारिज, शुद्धि पत्र की प्रति को ऑनलाइन उपलब्ध करवाने की शुरुआत हो चुकी है.

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अब शेष सभी राजस्व अभिलेखों और दस्तावेजों को एक से डेढ़ वर्ष में आनलाईन उपलब्ध करा दिया जाएगा. इनमें नामांतरण पंजी एवं अभिलेख, भूमि बंदोबस्त पंजी, गैर मजरुआ आम, खास, कैसरे हिन्द, खास महल भूमि की पंजी, भूमि क्रय पंजी, बासगीत पर्चा अभिलेख एवं पंजी, राज्य सरकार द्वारा निर्गत पत्रों, परिपत्रों, संकल्प, अधिसूचना की रक्षी पंजी, भूमि मापी पंजी एवं अभिलेख, सैरात पंजी एवं अभिलेख, अतिक्रमण वाद पंजी एवं अभिलेख, भूदान, भू लगान पंजी एवं अभिलेख आदि शामिल हैं.

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