उपेंद्र कुशवाहा जदयू में अपनी भूमिका से संतुष्ट नहीं, नीतीश कुमार के फैसले का कर रहे इंतजार
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जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा पार्टी में अपनी वर्तमान भूमिका से संतुष्ट नहीं हैं, लेकिन भरोसा है कि शीर्ष नेतृत्व उनकी भूमिका बढ़ाएगा। वह इस निर्णय की प्रतीक्षा करेंगे। कुशवाहा शनिवार को यह बातें पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहीं।
उन्होंने स्वीकार किया कि उनकी पार्टी प्रतिदिन कमजोर हो रही है। हम कुछ नहीं कर पा रहे हैं। पार्टी को मजबूत करने का प्रयास किया जाना चाहिए। मालूम हो कि कुढ़नी उप चुनाव में जदयू की हार के समय ही कुशवाहा ने जदयू की कमजोर स्थिति की चर्चा की थी। तब उन्होंने कहा था कि लोग हमारे सोच के अनुसार नहीं चल रहे हैं।
कुशवाहा बोले- पवेलियन में बैठा महसूस कर रहा हूं
एक सवाल के जवाब में कुशवाहा ने कहा कि वे निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल नहीं हैं। अगर इसमें शामिल होते तो कुछ सलाह दे सकते थे। हमारे लोगों की कुछ अपेक्षा है। इन्हें निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल होने के बाद ही पूरी की जा सकती है। उन्होंने कहा कि वह अपनी जाति के लोगों के लाभ की बात नहीं कर रहे हैं। दलित-शोषित आबादी के विकास की बात कर रहे हैं। इस समय वे पवेलियन में बैठा महसूस कर रहे हैं। मैदान में खेलने के लिए बुलावे का इंतजार कर रहे हैं।
राजद से भी नाराजगी
कुशवाहा ने इशारे में राजद के प्रति भी अपनी नाराजगी दिखाई। उनके मुताबिक पूर्व कृषि मंत्री और शिक्षा मंत्री डा. चंद्रशेखर जैसे राजद के लोग भाजपा के एजेंडे पर काम कर रहे हैं। संकेत में यह भी कहा कि सीबीआई जांच में फंसे लालू प्रसाद के परिवार को भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से मदद की उम्मीद हो सकती है। राजद के कुछ नेताओं को भाजपा से राहत मिल सकती है।
उन्होंने राजद विधायक सुधाकर सिंह के नीतीश विरोधी बयान को भी उदाहरण के रूप में पेश किया। उन्होंने कहा कि लोगों का ऐसा भी आरोप है कि भाजपा को लाभ पहुंचाने के लिए राजद के नेता नीतीश की आलोचना कर रहे हैं। सुधाकर के खिलाफ अब तक कार्रवाई न होने से इस तरह के आरोप को बल मिलता है। क्योंकि तेजस्वी भी मान रहे हैं कि सुधाकर का बयान भाजपा के एजेंडा का हिस्सा है।