समस्तीपुर Town

नजर हर खबर पर…

BiharNEWS

मुख्यमंत्री की यात्रा के लिए आरा में महादलित बस्ती में टंगे पर्दे, झोपड़ियों में कैद हुए लोग

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने समाधान यात्रा के दौरान आज गुरुवार को भोजपुर जाएंगे. बताया जा रहा है कि भोजपुर में सीएम नीतीश कुमार करीब छह घंटे तक रुकेंगे और इस दौरान सीएम नीतीश कुमार गांवों में हुए विकास के कामों का निरीक्षण करेंगे और जीविका दीदी से संवाद करेंगे. लेकिन उनकी इस यात्रा पर फिर से सवाल उठ रहे हैं क्योंकि आरा में महादलित टोले के लोगों को उनके घरों में बंद कर दिया गया है ताकि वो सीएम नीतीश कुमार तक पहुंच ही ना सकें ना मुख्यमंत्री को उनका दुःख दर्द दिखे.

महादलितो के घरों को बैरिकेडिंग लगाकर किया गया बंद 

दरअसल आरा शहर के बीचों-बीच बसे महादलित टोलो के लोगों का मुख्यमंत्री नितीश कुमार को नजदीक से देखने का ख्वाब पूरा नहीं हो सकेगा. क्योंकि महादलितों के घरों के सामने बैरिकेडिंग लगा कर पर्दा टांग दिया गया है. जिसके कारण पिंजरे की तरह घरों में कैद हो दूर से भी मुख्यमंत्री के कार्यक्रम का नजारा कोई नहीं देख सकें या ये कहा जाए कि मुख्यमंत्री नितीश कुमार को ना झोपड़ियां दिखेंगी, ना उन झोपड़ियों में रहने वाले लोगों के हालत और ना ही महादलित परिवार बाहर आकर अपनी हालत का रोना रो सकेंगे.

IMG 20220723 WA0098

कार्यक्रम स्थल के पास भारी संख्या में महादलितों की है झुग्गियां

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना से सकड़ मार्ग से भोजपुर पहुंचेंगे उसके बाद कोइलवर प्रखंड के सक्कड़ी, धनडीहा और सन्देश प्रखंड के तीर्थकोल गांव में अलग-अलग योजनाओं का निरीक्षण करेंगे. आपको बता दें कि मुख्यमंत्री के कार्यक्रम स्थल के आसपास भारी संख्या में महादलितों की झुग्गियां हैं. जिसे छिपाने के लिए वहां बैरिकेडिंग कर दिया गया है और परदे से घेर दिया गया है. जिससे बुधवार को ही इस बैरिकेड से निकलना मुश्किल था तो आज तो वो सोच भी नहीं सकते हैं. बैरिकेडिंग पर पर्दा लगाकर उनकी झुग्गी-झोपड़ियों को ढंकने का काम कल ही कर दिया गया था. ताकि गुरुवार को जब सीएम आरा के नागरी प्रचारिणी आए तो उन्हें ना झोपड़ियां दिखे और ना ही उनका रहन-सहन.

new file page 0001 1

35 से ज्यादा झोपड़ियों पर चला था बुलडोजर

वहीं, कल बुधवार को मुख्यमंत्री बक्सर गए थे. इसी दौरान उनको चकाचक और बिना किसी परेशानियों वाला सड़क उपलब्ध कराने को लेकर शिवसोना गांव में लगभग डेढ़ किलोमीटर तक अतिक्रमण हटाने को लेकर बुलडोजर चला दिया गया था. इस दौरान लगभग 35 से ज्यादा अतिक्रमित झोपड़ियों को धराशायी कर दिया गया था. अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई से पहले प्रशासन के द्वारा ना तो पहले से नोटिस दिया गया और ना ही इसकी जानकारी थी. एकाएक प्रशासन का पूरा अमला बुलडोजर के साथ गांव पहुंचा और कार्रवाई शुरू कर दी. बेबस ग्रामीण अतिक्रमण का विरोध तक नहीं कर सके थे.

IMG 20230115 WA0020 01

20x10 Hoarding 12.01.2023 scaledIMG 20221203 WA0074 011 840x760 1IMG 20211012 WA0017IMG 20230109 WA0007Post 193 scaled