बिहार में जातिगत गणना आज से शुरू: प्रथम चरण के लिए मुख्य बिंदु जानिए, आपसे इन बातों की ली जाएगी जानकारी
बिहार में जातिगत गणना की शुरुआत सात जनवरी से होने जा रही है. इसको लेकर प्रशासनिक तौर पर सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. कुछ त्रुटि न रह जाए इसको लेकर भी लगातार कवायद की जा रही है. बता दें कि शनिवार, सात जनवरी से शुरू हो रही के पहले चरण की शुरुआत हो रही है. इस बीच गणना के मुख्य बिंदु भी सामने आ गए हैं.
पहले चरण में जनगणना के मुख्य बिंदु-
ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायतों के वार्ड को इकाई के रूप में रखा गया. वार्ड की संख्या 700 से कम है तो इसे एक इकाई माना जाएगा. अगर जनसंख्या 700 से ज्यादा है तो दूसरी इकाई माना जाएगा. यही प्रक्रिया नगर क्षेत्र में भी अपनाई जाएगी. पहले चरण में मकानों का नंबरीकरण किया जाएगा. हर मकान पर मकान संख्या अंकित किया जाएगा. इस नंबर का उपयोग आगे होल्डिंग नंबर के रूप में होगा. पूरे वार्ड का नजरी नक्शा बनाकर जमा किया जाएगा.
बता दें कि नजर से देखे गए निर्माण और जगह को नजरी नक्शा कहते हैं. इसे गणना करने वाले खुद हाथ से बनाकर देंगे. इस नक्शे में वार्ड की हर जानकारी मौजूद होगी. नक्शे में नदी, तालाब, पहाड़, पठार, स्कूल, अस्पताल, सामुदायिक भवन, पोस्ट ऑफिस सबकी जानकारी देनी है. व्यक्ति का मकान कच्चा है या पक्का यह भी जानकारी देनी है. हर घर में यह सुनिश्चित करना है कि परिवार रहता है या नहीं.
बता दें कि जातिगत गणना में 204 जातियों को चिन्हित किया गया है; जिनमें 113 अति पिछड़ी जाति, 30 पिछड़ी जाति, 32 अनुसूचित जाति ३२ और 32 अनुसूचित जन जाति के साथ-साथ सामान्य वर्ग के सात जातियों को शामिल किया गया है. जातिगत गणना में जो भी अधिकारी और कर्मचारी लगाए गए हैं. इस कार्य में सभी जिलों के DM को प्रधान गणना पदाधिकारी सह नोडल पदाधिकारी बनाया गया है.
इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कहा है कि बिहार में इसका बड़ा महत्व है. उन्होंने यह भी कहा कि इसे देश स्तर भी कराया जाना चाहिए. समाधान यात्रा के दौरान सीएम नीतीश ने शिवहर में कहा, कल से जातिगत गणना शुरू हो रही है. बिहार के लिए इसका बड़ा महत्व है क्योंकि इससे लोगों की आर्थिक और सामाजिक सहित कई जानकारियां सामने आएंगीं.
सीएम नीतीश ने आगे कहा, कई लोग उपजाति बता देते हैं, उसकी जानकारी भी आएगी. जातिगत गणना बिहार में काफी अच्छे तरीके से कराया जा रहा है. हम तो चाहते थे देशभर में हो, लेकिन केंद्र नहीं माना. लेकिन जब बिहार में हो जाएगा तो हम इसे दिखाएंगे कि इसका क्या फायदा होता है.