बिहार: महाबोधि मंदिर में 10ML शराब के साथ रूसी भिक्षु गिरफ्तार, तंत्र साधना के लिए शराब चढ़ाने लाया था, सुरक्षा कर्मियों ने पकड़ा
बोधगया में महाबोधि मंदिर में 10 ML शराब के साथ रूसी बौद्ध भिक्षु को पकड़ा गया है। वह बौद्ध धर्म के तहत तंत्र साधना के लिए मंदिर में शराब ले जा रहा था। भिक्षु को विशेष सुरक्षा कर्मियों ने बोधगया पुलिस को सौंप दिया है। पुलिस इस मामले में आरोपी रूसी बौद्ध भिक्षु इडिपसी एयास पर एफआईआर दर्ज की है।
बोधगया थानाध्यक्ष रूपेश कुमार ने बताया कि रूसी बौद्ध भिक्षु अपने साथ बोतल में शराब लेकर मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश में था, लेकिन स्कैनर मशीन में शराब की बोतल पकड़ी गई। इस पर सुरक्षा कर्मियों ने बोतल को निकलवा कर देखा तो उसमें से विदेशी शराब निकली।
100 एमएल की बोतल में करीब 10 एमएल शराब थी। चूंकि पूरे प्रदेश में शराब पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इसलिए उसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया गया। अब उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा।
दिसंबर में भी मिली थीं शराब की बोतलें
दिसंबर में महाबोधि मंदिर परिसर में सुरक्षा कर्मियों के बैरक के निकट से शराब की बोतलें बरामद हुई थीं। इस मामले में पूर्व एसएसपी हरप्रीत कौर ने कड़ी कार्रवाई करते हुए चार सुरक्षा कर्मियों को निलंबित कर दिया था।
शराब लेकर मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश में था
बता दें कि तंत्र साधना के तहत बौद्ध धर्म में विशेष स्थान है। यहां 21 तारा देवियों की साधना होती है। इसके अलावा बौद्ध धर्म से जुड़े अन्य पंथ में तंत्र साधना की विशेष पूजा होती है। हर के पंथ के अलग-अलग विधान है। महाबोधि मंदिर में ऐसा नजर नहीं आता है, लेकिन परिसर के अंदर साधना में लीन बौद्ध भिक्षु और लामा नजर आते हैं।
मुखौटा नृत्य में बुरी आत्माओं को दूर भगाया जाता है
बीते दिनों बोधगया में मुखोटा डांस भी हुआ था। यह नृत्य, तंत्र साधना की एक कड़ी है। साथ इस डांस के माध्यम से बुरी आत्माओं को दूर भगाया जाता है। उन पर विजय प्राप्त करने के लिए डांस किया जाता है। साथ ही विश्व शांति की कामना जाती है। यह काम बौद्ध लामा ही करते हैं। मुखौटा नृत्य डुके थुवटेंन छोलिंग सांगु बौद्ध मठ में हुआ था।
यह आध्यात्मिक मुखौटा नृत्य 2 दिनों तक चला था। उत्सव के पूर्व बौद्ध भिक्षु लंबे समय तक ध्यान और प्रार्थना करते हैं। सिर पर भयंकर मुखौटे और हाथों में प्रतीकात्मक वस्तुएं धारण करते हैं। मान्यता है कि इस प्रकार भयावह रूप धरकर में दुष्ट आत्माओं को डराते हैं और उन्हें वहां से भगा देते हैं।
दलाई लामा बोधगया में प्रवास कर रहे हैं
बोधगया में 22 दिसंबर से ही बौद्धों के सबसे बड़े गुरु दलाई लामा प्रवास कर रहे हैं। वह अब अगले कुछ दिन में जाने वाले भी हैं। फिलहाल वह कब जाएंगे इस बात का खुलासा सुरक्षा के मद्देनजर नहीं किया गया है।