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उम्मीद! 2023 में 7वें चरण में 2 लाख शिक्षकों की बहाली का रास्ता साफ

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वर्ष 2023 शिक्षा के क्षेत्र में खास उपलब्धियों वाला साल होगा। इस साल न केवल बड़ी संख्या में शिक्षकों की नियुक्तियां होंगी बल्कि नए पदों के सृजन का रास्ता भी खुलेगा। आने वाले साल में दो लाख से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हुआ है। नए साल में सातवें चरण की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके तहत 80 हजार प्रारंभिक शिक्षकों के अलावा 44 हजार माध्यमिक शिक्षकों और 90 हजार प्लस टू शिक्षकों की बहाली होनी है। अब नए साल में नई नियमावली से शिक्षकों की नियुक्ति होगी। 1800 स्कूलों को इंटर स्कूल में अपग्रेड करने के बाद उम्मीद की जा रही है कि इस साल सभी पंचायतों में इंटर की पढ़ाई शुरू हो जाएगी।

इस साल सभी प्रारंभिक विद्यालयों को अपना विद्यालय भवन मिलने की उम्मीद है। अभी 15941 प्रारंभिक विद्यालयों में से 15653 विद्यालयों का भवन तैयार हो चुका है। इसके अतिरिक्त प्रारंभिक विद्यालयों के 2,85,773 वर्ग कक्षाओं के विरुद्ध 2,79,801 वर्ग कक्षाओं का निर्माण पूरा किया गया था। शेष 5972 का निर्माण अगले साल पूरा होगा। लिहाजा, अगले साल सभी प्रारंभिक विद्यालयों में वर्ग कक्षाओं का निर्माण पूरा हो जाएगा।

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राज्य में 40 हजार 506 प्रधान शिक्षकों की नियुक्ति बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से की जानी है, जबकि विश्वविद्यालयों में सहायक प्राध्यापकों के 4638 पदों पर नए साल में नियुक्ति होगी। इसी तरह मध्य विद्यालयों में लगभग 6000 शारीरिक शिक्षक सह स्वास्थ्य अनुदेशकों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी अगल साल पूरी होनी है। इस प्रकार हर मध्य विद्यालयों में शारीरिक शिक्षक सह स्वास्थ्य अनुदेशक हो जाएंगे।

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इसी तरह वैसे अनुमंडलों में जहां पूर्व से अंगीभूत डिग्री कॉलेज नहीं हैं, वहां डिग्री कॉलेज खोलने के निर्णय के तहत अगले साल 9 अनुमंडलों में डिग्री कॉलेज खोले जाएंगे। इस साल के पहले 18 अनुमंडलों में डिग्री कॉलेज नहीं थे। अगले साल शेष अनुमंडलों में भी डिग्री कॉलेज स्थापित करने की संभावना है। ऐसे में सभी पंचायतों को इंटर स्कूल और सभी अनुमंडलों को डिग्री कॉलेज मिलने की उम्मीद है।

2022 की उपलब्धियां : इस साल 45 हजार शिक्षकों की नियुक्ति हुई

शिक्षा विभाग वर्ष -2022 में खास रंग में नजर आया। इस साल कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए। शिक्षकों की नियुक्ति की नई नियमावली बनी और अमल में आई। इंटर पास छात्राओं को 10 हजार से 25 हजार और स्नातक पास छात्राओं को 25 हजार के स्थान पर 50 हजार रुपए देने के निर्णय लिये गए। यही नहीं, इस साल स्कूली बच्चों को फिर से किताब देने का निर्णय लिया गया। गत वर्षों में उन्हें इसके लिए राशि दी जाती थी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने की कवायद इस साल शुरू की गई। इस साल कॉलेजों में 19 हजार अतिरिक्त सीटें बढ़ायी गईं।

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इस साल सभी विश्वविद्यालयों में ई-लाइब्रेरी की सुविधा लागू हो गई। इसका लाभ दो लाख छात्र-छात्राओं को इसका सीधा लाभ होगा। 13 विश्वविद्यालयों के साथ आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, एनओयू में भी यह सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। संबद्ध वित्त रहित डिग्री कॉलेजों के लिए ऑनलाइन अनुदान की व्यवस्था इस साल से शुरू की गई। इसी तरह ई-संबंधन पोर्टल के माध्यम से कॉलेजों को कोर्स की मान्यता लेने की सुविधा भी मिली।

स्वच्छता मानक पर स्कूलों की ग्रेडिंग की व्यवस्था शुरू की गई। जबकि, शिक्षक-अभिभावकों के बीच अभिभावक-शिक्षक संगोष्ठी आयोजित करने की शुरुआत की गई। पांचवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए आयोजन भी सफलतापूर्वक सम्पन्न हो गए। इस अभियान को बड़ी सफलता मिली है। इसने शिक्षकों और अभिभावकों के बीच संवाद की नई परंपरा शुरू की है।

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