बिहार में पराली जलाने वाले किसानों पर दर्ज होगी FIR, प्रदूषण रोकने की दिशा में सरकार का बड़ा फैसला

बिहार की नीतीश सरकार ने वायु प्रदूषण पर सख्ती बरतते हुए फसल अवशेषों (पराली) जलाने वाले किसानों के खिलाफ एफआईआर के आदेश जारी किए हैं। कार्रवाई के लिए राज्य के कई जिलों में विशेष टीम गठित की गई है। विकास आयुक्त विवेक कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई अंतर्विभागीय समूह की बैठक में यह निर्णय लिया गया। खेतों की मिट्टी को उपजाऊ बनाए रखने और राज्य में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए किसानों पर सीआरपीसी की सुसंगत धारा 133 के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत पराली जलाने की घटना सही पाई गई तो दंडाधिकारी के बयान पर किसानों पर आईपीसी 188 के तहत मुकदमा किया जाएगा। सरकार की ओर से लिए गए फैसले के बाद कृषि विभाग के प्रभारी सचिव रवीन्द्र नाथ राय की ओर से आदेश भी जारी कर दिया गया।

नीतीश सरकार ने तय किया है कि फसल जलाने संबंधी घटनाओं की समीक्षा पंचायतों को दो समूहों में बांटकर की जाएगी। पहले समूह में वैसी पंचायत रखी जाएंगी, जहां से पूर्व से फसल अवशेष जलाने की घटनाएं ज्यादा होती रही हैं। दूसरे समूह में वैसी पंचायतों को रखा जाएगा, जहां फसल जलाने की घटनाएं पहले से कम हुई हैं या नहीं हो रही है। जिन पंचायतों में फसल अवशेष अधिक जलाए जा रहे हैं, वहां कृषि समन्वयकों से रोज रिपोर्ट ली जाएगी।

IMG 20220723 WA0098

सत्यापन के बाद कृषि समन्वयकों पर जवाबदेही तय होगी कृषि विभाग समन्वयकों से मिली रिपोर्ट के आधार पर संबंधित प्रखंड कृषि पदाधिकारी के माध्यम से जिला कृषि पदाधिकारी से भी सत्यापन कराएगा। जिन पंचायतों में अधिक पराली जलाई जाएंगी, वहां के कृषि समन्वयकों पर जवाबदेही तय की जाएगी। फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित कृषि यंत्रों का किसानों के बीच अधिक से अधिक उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही, पंचायत स्तर पर जागरुकता अभियान चलाने के साथ ही नुक्कड़ नाटक किया जाएगा। फसल कटनी के पहले डीएम हार्वेस्टर के मालिक और संचालकों के साथ बैठक कर पराली न जलाने के लिए सचेत करेंगे।

IMG 20220728 WA0089

इन जिलों में बुरा हाल

पटना व मगध प्रमंडल में पराली जलाने की घटनाएं अधिक हो रही हैं। कैमूर, रोहतास, बक्सर, भोजपुर, पटना, नालंदा में सबसे अधिक पराली जलाई जा रही हैं। इन जिलों में ही कुल पराली जलाने की 83 फीसदी घटनाएं होती हैं। इन जिलों की 200 पंचायतों में इस तरह की घटनाएं अधिक हो रही हैं। इसलिए इन पंचायतों पर विशेष फोकस किया जाएगा। वहीं उत्तर बिहार के कुछ जिलों में पराली जलाने की घटनाएं शुरू हो गई है। वहां अभी से ही निरोधात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी ताकि घटनाओं पर ससमय रोक लग सके।

JPCS3 01

सात शहरों की हवा जहरीली, कटिहार सबसे प्रदूषित

राज्य के सात शहरों की हवा जहरीली हो चुकी है। राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक के तहत राज्य भर में सबसे अधिक प्रदूषित शहर कटिहार बना हुआ है। कटिहार का वायु गुणवत्ता सूचकांक 393 पहुंच गया है। यहां धूलकण की मात्रा मानक से छह गुना अधिक हो गई है। वहीं, दूसरे नंबर पर मोतिहारी है, जिसका सूचकांक 368 हो गया है। वहीं, पटना का सूचकांक 250 है जबकि सीवान का 349, समस्तीपुर का 316, बेतिया का 308 और सहरसा का 307 है। ठंड बढ़ने के साथ-साथ वायु की गुणवत्ता भी लगातार खराब होती जा रही है। वहीं, पटना की हवा अभी खराब श्रेणी में है।

IMG 20221104 WA0016 01IMG 20221017 WA0000 01Banner 03 01IMG 20220915 WA00011 840x760 1IMG 20211012 WA0017IMG 20220331 WA0074

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *