नवादा में कर्ज तले दबे एक परिवार के छह सदस्यों ने खाया जहर तो याद आईं समस्तीपुर की दिल दहलाने वाली यह घटना
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बिहार के नवादा में कर्ज तले दबे एक परिवार के छह सदस्यों ने जहर खा लिया, जिनमें पांच की मौत हो गई। जहर खाने वाली एक लड़की की हालत गंभीर बनी हुई है। समस्तीपुर जिले विद्यापतिनगर थाना क्षेत्र में इसी साल जून में सामूहिक आत्महत्या की ऐसी ही एक बड़ी घटना हुई थी, जिसमें परिवार के पांच सदस्य फंदे से लटके मिले थे। इसके एक साल पहले सुपौल में भी एक परिवार के पांच सदस्यों ने फांसी लगाकर जान दे दी थी। वहीं साल 2018 में दिल्ली के बुराड़ी में हुई सामूहिक आत्महत्या की याद भी दिला दी है।
समस्तीपुर में फंदे से लटक पांच ने दी जान :
पांच जून 2022 की सुबह समस्तीपुर जिले के विद्यापतिनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत मऊ में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की फंदे से लटकती लाशें मिलने से सनसनी फैल गई थी। दिल दहला देने वाली वह घटना समस्तीपुर के विद्यापतिनगर थाना के मऊ गांव में चार जून की रात में हुई थी। परिवार के मुखिया मनोज झा भारी कर्ज के बोझ से दबे थे। कर्ज चुकाने का दबाव वे झेल नहीं सके। अंतत: उन्होंने परिवार समेत आत्महत्या कर लिया।
परिवार में बचीं केवल दो शादीशुदा बेटियां :
मृतकों में मनोज झा के 10 व सात साल के मासूम बेटे सत्यम व शिवम भी शामिल थे। ग्रामीणों के अनुसार संभवत: बच्चों की हत्या कर बड़ों ने आत्महत्या कर ली थी। मृतकों में मनोज झा (45 साल), उनकी मां सीता देवी (65 साल), बेटे सत्यम कुमार (10 साल) व शिवम कुमार (07 साल) एवं पत्नी सुंदरमणि देवी (38 साल) शामिल थीं। परिवार में केवल दो शादीशुदा बेटियां ही बच सकीं। मनोज झा आटो चलाकर व खैनी बेचकर गुजरा करते थे।
सुपौल में भी फंदे से झूल गए थे पांच लाेग :
बिहार में सामूहिक आत्महत्या की ऐसी एक और घटना साल 2021 के मार्च महीने में सुपौल जिले के राघोपुर थाना क्षेत्र के गद्दी गांव में उजागर हुई थी। वहां एक परिवार के पांच सदस्यों मिश्रीलाल साह (52 साल) उनकी पत्नी रेणु देवी (44 साल) बेटी रोशन कुमारी (15 साल), बेटा ललन कुमार (14 साल), बेटी फूल कुमारी (08 साल) के शव फंदे से झूलते मिले थे। मृतकों में 15, 14 और आठ साल के बच्चे भी थे। इस घटना में भी माना गया था कि बड़ों ने आत्महत्या के पहले बच्चों की हत्या कर दी थी।
समाज से कटा व अवसाद में था परिवार :
सुपौल की घटना के पीछे का कारण मिश्रीलाल साह की एक बेटी की अपनी मर्जी से भागकर शादी करने से उपजा अवसाद बताया गया था। घटना के बाद परिवार समाज से कटकर रहने लगा था। मिश्रीलाल का अपने भाइयों से भी संपर्क नहीं था। परिवार अार्थिक रूप से कमजोर भी था।
याद आ गई दिल्ली के बुराड़ी की घटना :
परिवार की सामूहिक आत्महत्या की चर्चा होने पर साल 2018 के एक जुलाई को दिल्ली के बुराड़ी स्थित संत नगर में हुई सामूहिक आत्महत्या की याद भी आ जाती है। उस दिन भाटिया परिवार के 11 सदस्यों ने सामूहिक आत्महत्या कर ली थी।
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