बिहार: सदर अस्पताल में नवजात के बेड पर गिरा प्लास्टर, बच्चे से 4 इंच की दूरी पर गिरा मलबा
छपरा के सदर अस्पताल में मां के साथ बेड पर सो रहे एक नवजात की जान बाल-बाल बची। दीवार का हिस्सा बेड पर टूटकर गिर गया। मलबा बच्चे से सिर्फ 4 इंच दूर गिरा। मलबे का वजन 5 किलो से ज्यादा था। अगर वो बच्चे पर गिर जाता तो उसकी जान भी जा सकती थी। बच्चे के पिता ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर भी डाला है। मामला गुरुवार दोपहर का है। अस्पताल ने इसे मानवीय भूल बताया है।
बच्चे के पिता ने बताया कि 15 घंटे पहले ही बच्चे का जन्म हुआ था। मरीजों से भरे वार्ड में साफ-सफाई का काम किया जा रहा था। उसी दौरान दीवार का एक हिस्सा टूटकर एकदम से बच्चे के पास गिर गया। बच्चा डर गया रोने लगा। हम भी घबरा गए। पास जाकर देखा तो वो बाल-बाल बचा। तब हमारी जान में जान आई।
4 इंच से बचा नवजात
बच्चे के पिता पिंटू यादव ने बताया कि कल मेरी पत्नी मधुबाला देवी को सीजेरियन डिलीवरी हुई है। डिलीवरी के बाद इस कक्ष में बच्चे को और उसकी मां को रखा गया था। गुरुवार के दोपहर बाद लगभग 3:00 बजे के आसपास अचानक खिड़की के पास से बड़ा सा टुकड़ा बेड पर गिर गया। बच्चा कुछ ही इंच से बाल बाल बचा है।ऊपर वाले का शुक्र है कि कोई अनहोनी नहीं हुईं।
हादसे के बाद किसी ने नहीं ली सुध
टुकड़ा गिरने के बाद मैनेजर से शिकायत किया गया तो हल्के में लेते हुए कुछ अनहोनी नहीं हुई का बहाना बनाते हुए चले गए। मैंने कई अस्पताल के अधिकारियों को फोन किया, कोई भी कुछ रिस्पॉन्स नहीं लिया। जब किसी ने कोई संज्ञान नहीं लिया तो मैंने जो वीडियो बनाया था, कुछ भी सुनवाई नही होने के कारण वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
अस्पताल उपाधीक्षक ने बताया मानवीय भूल
इस मामले पर जब सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ सत्यदेव सिंह से बात की गई तो उन्होंने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि भगवान का शुक्र है कि कोई बड़ी घटना नहीं हुई। कुछ भी हो सकता था। जो भी हुआ उसमें पूरी तरह से मानवीय भूल थी। उन्होंने भरोसा दिया कि आगे से ऐसी कोई घटना नहीं होगी। उन्होंने बार-बार कैमरे पर माफी मांगते हुए इस घटना की पुनरावृत्ति नहीं होने देने की बात कही।
इनपुट: दैनिक भास्कर