नगर निकाय चुनाव पर बड़ी ख़बर: सुप्रीम कोर्ट जाएगी बिहार सरकार, पटना हाईकोर्ट के फैसले को देगी चुनौती
पटना हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में बिहार राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर निकाय चुनाव को तत्काल स्थगित कर दिया है और इससे चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी काफी परेशान नजर आ रहें हैं क्योंकि नामांकन से लेकर चुनाव प्रचार तक में उनका लाखों रूपये खर्च हो चुका है.
इस बीच बिहार सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का निर्णय लिया है.इसकी जानकारी बिहार सरकार के नगर विकास विभाग के ट्वीटर हैंडल से दी गई है.बिहार सरकार के हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने के निर्णय का मतलब है कि हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में यह चुनाव अभी नहीं हो पाएगा और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार इस पर आगे का निर्णय लेगी यानी निकाय का चुनाव लंबे समय के लिए टल गया है.
राज्य सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा CWJC संख्या-12514/2022 में दिनांक-04.10.2022 को पारित आदेश के विरुद्ध माननीय सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर किया जाएगा।
— Urban Development & Housing Dept, Govt Of Bihar (@UDHDBIHAR) October 4, 2022
वहीं दूसरी ओर हाईकोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी और जेडीयू के तरफ से लगातार बयानबाजी भी हो रही है.बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल,पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने इसके लिए बिहार के सीएम नीतीश कुमार को दोषी ठहराया है.सुशील मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार तैयारी करने के बजाय नीतीश कुमार ने जबरदस्ती चुनाव करवाने की कोशिश की है जिसकी वजह से राज्य के लोंगो को परेशानी हुई है.वहीं जेडीयू के संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने इसके लिए बीजेपी और केन्द्र सरकार की नीति को जिम्मेवार ठहराया है.
वहीं महागठबंधन सरकार में नगर विकास विभाग संभाल रहे डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने इस ममले पर बीजेपी पर निशाना साधा है. तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार के एनडीए सरकार में भाजपा के पास ये विभाग रहा है और शुरू से ही भाजपा आरक्षण विरोधी रहे हैं. उनका विचार है कि बिना आरक्षण के चुनाव ना कराये जाएं. पिछड़ा समाज के आरक्षण के साथ ही चुनाव होना चाहिए.






