बिहार में स्पीड ग’न और सीसीटीवी कैमरे से होगी रफ्तार की निगरानी, 1400 किमी में 114 हॉट स्पॉट
राज्य के पांच राष्ट्रीय राजमार्गों (National Highways) पर ही सिर्फ 50 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। इनमें एनएच- टू (कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद व गया), एनएच-28 (बेगूसराय, मुजफ्फरपुर व गोपालगंज) , एनएच-30 (पटना व भोजपुर), एनएच-31 (नवादा, बिहारशरीफ, पटना, बेगूसराय, खगड़िया, पूर्णिया व किशनगंज) और एनएच- 57 (मुजफ्फरपुर, दरभंगा, अररिया व पूर्णिया) शामिल हैं।
1400 किलोमीटर में 114 हॉट स्पॉट
राज्य में इन पांच एनएच पर कुल 1400 किलोमीटर लंबाई में 114 हाट स्पाट चिह्नित किए गए हैं, जिन्हें दूर करने के उपाय किए जा रहे हैं। गृह विभाग ने पिछले दिनों सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में इन पांच एनएच पर प्रत्येक 10 से 15 किमी की दूरी पर स्पीडगन और कैमरा लगाए जाने का निर्देश दिया है। राजमार्गाें पर पुलिस की गश्ती बढ़ाते हुए ई-चालान काटने की व्यवस्था और बढ़ाने को कहा गया है।
पांचों एनएच से गुजरने वाले वाहनों पर नजर रखने के लिए 17 इंटरसेप्टर की खरीद भी की गई है। सड़क हादसे रोकने और अत्याधुनिक उपकरण लगाने के लिए सड़क सुरक्षा के दल को हैदराबाद और यूपी (Hyderabad and UP) के दौरे पर भी भेजा जा रहा है।
मालूम हो कि आए दिन सड़क हादसों में लेागों की जान जा रही है। अक्सर हादसे का कारण तेज रफ्तार बनती है। तमाम कवायदों के बावजूद रफ्तार का कहर जारी रहता है। लेकिन जिस तरह की नीति बनाई गई है, उसपर यदि ठीक से अमल किया गया तो इस दिशा में काफी बदलाव आ सकता है।