हसनपुर-सकरी रेल प्रोजेक्ट 50 साल बाद भी अधूरा, कुशेश्वर पक्षी विहार के कारण बदला रूट, बिथान तक ट्रैक बनकर है तैयार
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समस्तीपुर :- मिथिलांचल के ड्रीम प्रोजेक्ट हसनपुर-सकरी 79 किलोमीटर रेल परियोजना पर 50 साल बाद भी अधूरा है। 50वें साल में रेलवे ने पक्षी विहार के कारण योजना का रूट बदल दिया। रूट बदले जाने के बाद सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है अब डीपीआर बनाया जा रहा है। निविदा की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इस पर काम शुरू किया जाएगा। DRM विनय श्रीवास्तव ने बताया कि हसनपुर से बिथान रेलवे लाइन बनकर तैयार है। हसनपुर से आगे रेलवे लाइन बनाने का काम शुरू किया जा रहा है।
19 के बदले 21 किलोमीटर होगी दूरी :
कुशेश्वर पक्षी विहार के कारण रेलवे लाइन पूर्व प्रस्तावित स्थल से दो किलोमीटर दूर पूरब दिशा की ओर बढा दिया गया है। नये रूट पर रेलवे लाइन बनाने की दिशा में कार्य शुरू कर दिया गया है। रेलवे लाइन का रास्ता बदले जाने के कारण अब हसनपुर से कुशेश्वर स्थान की दूरी 19 किलोमीटर के बदले 21 किलोमीटर हो जाएगी। जिससे योजना की दूरी अब 79 के बदले 81 किलोमीटर की होगी। जिससे पूर्व के बजट के हिसाब से खर्च भी बढ़ेगा। जगह बदले जाने के बावजूद रेलवे स्टेशन का नाम कुशेश्वर स्थान ही रहेगा।
योजना का इतिहास :
1951 में योजना के लिये जांच की गई। 1953 में रेलवे बोर्ड ने कहा कि बाढ़ के इलाके में यह संभव नहीं। 1972 में तत्कालीन रेलमंत्री स्व. ललित नारायण मिश्रा ने सर्वे की घोषणा की। इसी बीच समस्तीपुर स्टेशन पर बम विस्फोट में ललित बाबू की हत्या हो गई। इसके बाद इस योजना की फाइल बंद कर दी गई। 1997 में रेल मंत्री स्व. रामविलास पासवान ने इस योजना को मिथिलांचल के विकास के लिये जरूरी बताते हुए पुन: फाइल खोली और फंड उपलब्ध कराकर शिलान्यास किया।
इस इलाके में रेलवे लाइन के बनने से आवागमन सुलभ होने से विकास की गति तेज होगी। चुकी यह इलाका बाढ़ प्रभावित है। साल में छह महीना इस इलाके के लोग बाढ़ की पीड़ा झेलते हैं। लोगों के आवागमन की सुविधा सिर्फ नाव ही बचता है। उधर, रामविलास पासवान के रेलमंत्री से हटते ही कई वर्षों तक इस योजना को राशि नहीं मिली। लालू प्रसाद के रेल मंत्री बनने पर इस योजना को फंड मिलना शुरू हुआ।
लेकिन दिसंबर 2008 में दरभंगा के तत्कालीन डीएफओ दीगंबर ठाकुर द्वारा कुशेश्वर स्थान पक्षी विहार के पास रेलवे लाइन के निर्माण पर रोक लगा दी गई। डीएफओ ने कहा पक्षी विहार के पास से रेलवे लाइन के गुजरने से प्रवासी पक्षी को खतरा है। रेलवे लाइन बनाने की अनुमती नही दी जा सकती। तब से हरनगर से आगे हसनपुर की ओर रेलवे लाइन का निर्माण कार्य बंद कर दिया गया।
कोसी-मिथिलांचल की घट जाएगी दूरी :
इस योजना के पूरा होने पर मिथिलांचल के इस इलाके में विकास के द्वारा खुलेंगे वहीं, कोसी व मिथिलांचल की दूरी घट जाएगी। रेलवे लाइन से समस्तीपुर के अलावा खगड़िया व दरभंगा के लोगों को लाभ मिलेगा। उधर दक्षिण बिहार के लोगों को मिथिलांचल में आना होगा आसान।
क्या है स्थिति :
योजना पर दो चरणों में काम चल रहा है। इसके लिए अलग-अगल उप मुख्य अभियंता काम कर रहे हैं। पहले चरण में सकरी से कुशेश्वर स्थान के कार्य को बांटा गया था। सकरी से हरनगर तक रेलवे लाइन कानिर्माण कार्य पूरा कर लिया गया। ट्रेन हरनगर तक चल भी रही है। दूसरे चरण में कार्य हसनपुर-कुशेश्वर स्थान की ओर चल रहा है। जिसमें हसनपुर से बिथान रेलवे लाइन बन कर तैयार है। इस रूट को जल्द ही खोलने की उम्मीद है। पहले 79 अब 81 किलोमीटर रेलवे लाइन बनाया जाएगा।
10 रेलवे स्टेशन का होना है निर्माण :
इस योजना के तहत हसनपुर, बिथान, कौराही, विरौल, कुशेश्वरस्थान, हरनगर, नेडली, बेनीपुर, जगदीशपुर व सकरी को स्टेशन बनाने का प्रस्ताव है। इसके तहत सकरी, कुशेश्वस्थान व हसनपुर को जंक्शन के अलावा चार क्रॉसिंग स्टेशन, 45 रेलवे गुमटी व 82 छोटे-बड़े पुलों का निर्माण होगा।
क्या करते हैं इलाके के लोग :
स्थानीय ललितेश्वर प्रसाद यादव उर्फ ललन यादव बताते हैं कि इस इलाके के लोग गत 50 सालों से रेलवे लाइन का इंतजार कर रहे हैं। दो-दो बार शिलान्यास के बाद भी रेलवे लाइन का निर्माण नहीं होने से लोग निराश है। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए की इलाके का विकास के लिए रेलवे लाइन का निर्माण करे।
क्या बोलें DRM :
DRM विनय श्रीवास्तव ने बताया कि पक्षी विहार को बचाने के लिए प्रस्तावित रेलवे लाइन का रूट बदल दिया गया है। सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है। डीपीआर तैयार किया जा रहा है। जल्द ही निविदा निकाल कर इस प्रकार शुरू किया जाएगा।