18 अगस्त से 11 नवम्बर 1942 तक जनता के हवाले थी सिंघिया थाना, दरोगा ने अपनी पगड़ी उतार फेंकी और गांधी जी के जयकारे लगाए
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समस्तीपुर/रोसड़ा :- भारत को अंग्रेजों के चंगुल से आजाद कराने के लिए भारत छोड़ो आंदोलन के शंखनाद पर अगस्त क्रांति की ज्वाला में अपनी आहूति देने रोसड़ा, हसनपुर और सिंघिया थाना क्षेत्र के सैकड़ों नौजवान निकल पड़े थे। अंग्रेजों के खिलाफ सिर में कफन बांध निकले आजादी के दीवानों ने सामयिक रोसड़ा के दामोदरपुर निवासी यदुनंदन सिंह, बालेश्वर सिंह और रामाकांत झा के नेतृत्व में रोसड़ा थाना पर झंडा फहराकर दारोगा की टोप उतरवाकर उससे वंदे मातरम कहलवाया गया।
आजादी के दीवानों में शामिल यदुनंदन बाबू, बालेश्वर सिंह, रामाकांत झा, रामेश्वर नायक, जागेश्वर पूर्वे, केशव दास शर्मा, लक्ष्मी पूर्वे आदि अब हमारे बीच नहीं है। 13 अगस्त 1942 को स्वतंत्रता सेनानियों के नेतृत्व में जुलूस निकालकर रोसड़ा रेलवे स्टेशन, रजिस्ट्री ऑफिस तथा डाकघर में ताला लगाकर झंडा फहरा दिया था। वहीं बाबू राधा प्रसाद सिंह, नंदन सिंह एवं हितलाल महतो ने सिंघिया थाना पर झंडा फहरा दिया।
क्रांतिकारियों के डर से सिंघिया थाना में पदस्थापित दारोगा ने अपनी पगड़ी उतार फेंकी और गांधी जी के जयकारे लगाए। दारोगा तो बच गए पर अड़ियल रवैये को लेकर क्रांतिकारियों ने जमादार की जान ले ली। बौखलाए गोरी सरकार की पुलिस ने 14 अगस्त को सोनेलाल गिरी, रामलगन सिंह, कमला दत्त लाल, चंद्र नारायण सिंह और परमानंद सिंह को खूब पीटा। इतना ही नहीं देवकी सिंह और रामखेलावन सिंह को पेड़ से लटका कर पीटा गया। बाबू राधा सिंह हाजत में बंद किये गए। बमबहादुर सिंह की दाढ़ी, मूंछे तक उखाड़ ली गयी। पर उनकी इस बर्बरता से क्रांतिकारी झुकने वाले नहीं थे।
क्रांतिकारियों ने ऐसा बिगुल फूंका कि सिंघिया थाना को अपने कब्जे में ले लिया। 18 अगस्त से 11 नवम्बर 1942 तक सिंघिया थाना जनता के हवाले रही। 19 अगस्त को एटकिंग्स रोसड़ा आये। उसके नेतृत्व में रोसड़ा के केशव दास शर्मा, जागेश्वर पूर्वे, केशव पूर्वे, रामकिशुन मांडर, बालेश्वर सिंह, जागेश्वर महतो, लक्ष्मी पूर्वे, नारायण नायक आदि के घर लूट लिए गए। कई के घर जला दिये गए।
वहीं हसनपुर थाना के सुंदरलाल, भगवान दास, शंकर लाल, शेरमल, प्रियव्रत नारायण सिंह, कुलदीप सिंह, अम्बिका सिंह और सिंघिया थाना के पंडित राधाकांत वैद्य, मो. सोहदा बबती, राधे साह जीवछ झा, भुल्लू कानू, रामेश्वर सिंह आदि के घर लूट लिये गए और जला दिए। रोसड़ा के बालेश्वर सिंह के चाचा और रामेश्वर नायक गिरफ्तार किए गए।
इसी दिन रोसड़ा रेलवे पुल पर मुजफ्फरपुर के आरिजपुर निवासी वशिष्ठ नारायण ठाकुर को गोरों ने गोली मार दी। रामपुर के रामलखन सिंह गोरी संगीनों के शिकार हो गए। 23 अगस्त को एटकिंग्स के नेतृत्व में गोरों ने सिंघिया पहुंच तांडव मचा दिया। रामेश्वर सिंह और शत्रुघ्न सिंह घर छोड़कर भाग गए। कुलानंद सिंह का घर गोरों ने घेर लिया। टॉमी कुलानंद के घर में घुसकर उसे गोली दाग दी।