समस्तीपुर : बेटे के हत्यारों को कोर्ट ने दोषी ठहराया तो बूढ़े पिता के छलक आए आंसू, जानें क्या था मामला…
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समस्तीपुर :- एडीजे द्वितीय ने तीन वर्ष पूर्व समस्तीपुर जिले के हथौड़ी थाना क्षेत्र अंतर्गत बल्लीपुर गांव में हुई एक हत्या मामले के आरोपियों को दोषी ठहराया। इससे मृतक के परिजनों में प्रसन्नता व्याप्त है। न्यायालय के इस फैसले का स्वागत करते हुए मृतक के पिता अजय कुमार चौधरी ने बताया कि उन्हें न्यायालय पर भरोसा था। तीन साल बाद जब न्याय मिला तो बूढ़े पिता की आंखें छलक पड़ी। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद और विश्वास है कि न्यायालय दोषियों को कठोर से कठोर सजा सुनाएगी।
बता दें कि अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय उमेश कुमार की अदालत ने शुक्रवार को हथौड़ी थाना क्षेत्र के एक हत्या मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद चार आरोपियों को मामले में दोषी करार दिया। कोर्ट ने हथौड़ी थाना क्षेत्र के कुलानंद चौधरी व उनके तीन पुत्र क्रमश उदयचंद्र चौधरी उर्फ लड्डू चौधरी, टीपू चौधरी उर्फ टीपू कुमार चौधरी व दीपू चौधरी उर्फ दीपू कुमार चौधरी को भादवि की धारा 302 , 504 , 506 , 341 , 323 व 337 में दोषी करार दिया है। कोर्ट ने मामले में सभी आरोपियों को एक समान दोषी पाया है।
सजा की बिंदु पर सुनवाई के लिए कोर्ट ने 18 अगस्त 2023 की तिथि मुकर्रर की है। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष से अपर लोक अभियोजक रामकुमार व बचाव पक्ष से अधिवक्ता मदन मोहन ठाकुर व अमरेंद्र सिंह ने अपना-अपना पक्ष रखा। एपीपी रामकुमार ने बताया कि कोर्ट द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद जमानत पर चल रहे आरोपी कुलानंद चौधरी, उदयचंद्र चौधरी व दीपू चौधरी को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया। जबकि दीपू चौधरी न्यायिक हिरासत में ही था। इस मामले में कुल पांच अभियुक्त हैं। इसमें आरोपी टीपू चौधरी की पत्नी सरिता कुमारी का न्यायालय में सेपरेट ट्रायल चल रहा है।
कुदाल से सिर पर प्रहार कर सूरज की ली थी जान
27 जून 2020 कि शाम हथौड़ी थाना क्षेत्र के बल्लीपुर गांव में रास्ता विवाद को लेकर हुए दो पक्षों में हुई कहासुनी में एक पक्ष ने दूसरे पक्ष के सूरज कुमार की हत्या कर दी थी। इस मामले में मृतक सूरज के पिता अजय कुमार चौधरी ने हथौड़ी थाना में कांड सं 90/20 दर्ज करायी थी। जिसमें उक्त आरोपियों समेत पांच को नामजद किया था।
मृतक के पिता ने आवेदन में कहा था कि उनके पुत्र सूरज ने रास्ते पर राबिश गिराया था, जिसको लेकर सभी आरोपी विवाद कर रहे थे। इसी दरम्यान आरोपी कुलानंद ने अपने पुत्र टीपू को आदेश दिया कि सूरज को जान से मार दो और टीपू ने कुदाल की धार से सूरज के सिर पर प्रहार कर दिया। जिससे सूरज बुरी तरह जख्मी हो गया। आनन-फानन में परिजन उसे इलाज के लिए ले गए, लेकिन रास्ते में ही सूरज ने दम तोड़ दिया था। इस मामले में पुलिस ने भी उक्त आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर किया है।