‘बाबा थानेश्वर स्थान’ मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए की जा रही विशेष तैयारी, बगल में थाना के कारण मंदिर का नाम पड़ा ‘थानेश्वर स्थान’
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समस्तीपुर :- एक दिन बाद से सावन शुरू हो रहा है। इस बार लगभग दो महीने सावन रहेंगे। सावन के महीने में थानेश्वर स्थान मंदिर में भक्त श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है। बाबा थानेश्वर स्थान मंदिर में पहुंचकर जलाभिषेक कर पूजा अर्चना करते हैं। लोगों के धार्मिक आस्था के केंद्रो में से एक शहर का थानेश्वर स्थान मंदिर है। इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग में माता पार्वती भी साथ-साथ विराजमान है। यह मंदिर लोगों के मनोकाना पूर्ण होने लिए चर्चित है। कहते हैं यहां माथा टेकने वालों की हर मुरादें पूरी होती है।
मंदिर का इतिहास :
वर्ष 1901 में यहां एक विशाल पीपल का वृक्ष सूखने के बाद शिवलिंग प्रकट हुए थे। उसके बाद लोगों ने पूजा अर्चना शुरू कर दी। पूर्व मंत्री सह गवर्नर सत्यनारायण सिंह ने मन्नतें मांगी थी कि वे चुनाव जीत जाएंगे तो यहां मंदिर बनवाएंगे। चुनाव जीतने के बाद 1952 में मंदिर बनाने के लिए भिक्षाटन शुरू किए थे। भिक्षाटन करते देख बिरला के मैनेजर ने उनके हाथ कटोरा ले लिया तथा कहा कि यह काम मेरे जिम्मे दे दीजिए। उसके बाद बिरला के द्वारा इस मंदिर का निर्माण कराया गया। इस मंदिर के पास थाना होने तथा सिपाहियों द्वारा लगातार पूजा अर्चना किए जाने के कारण मंदिर का नाम थानेश्वर स्थान पड़ा था।
मंदिर प्रशासन की ओर से विशेष तैयारी :
थानेश्वर स्थान में श्रद्धालुओं की जुटने वाली भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन की ओर से तैयारियां भी की जा रही है। पूरा मंदिर परिसर सीसीटीवी से पहले ही लैश किया जा चुका है। पूजा अर्चना एवं जलाभिषेक के दौरान किसी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं हो, इसको लेकर सीसीटीवी के माध्यम से इसकी निगरानी की जाएगी। मंदिर में श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस की व्यवस्था तो रहेगी ही, इसके अतिरिक्त दो दर्जन से अधिक स्वयंसेवकों की भी तैनाती रहेगी। मंदिर परिसर के चारों तरफ बैरिकेडिग के साथ-साथ पार्किंग की भी नियोजित व्यवस्था रहेगी। खासकर सोमवारी के दिन प्रशासन की ओर से अतिरिक्त व्यवस्था रहेगी। कांवर यात्रा को लेकर दलसिंहसराय से लेकर मंदिर तक जगह-जगह सुरक्षा की व्यवस्था रहेगी।
दूधिया रौशनी से नहाएगा मंदिर परिसर :
इस बार सावन में पूरा मंदिर परिसर दूधिया रौशनी से नहाएगा। इसको लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है। मंदिर के गर्भगृह समेत परिसर में भी लाइट की मुकम्मल व्यवस्था की गई है। इसके अलावा कांवरियां पथ पर भी प्रकाश की व्यवस्था का इंतजाम किया जा रहा है। वहीं कावंरियों की सुविधा को लेकर पेयजल, शर्बत आदि की भी व्यवस्था रहेगी। इसके लिए समाजसेवियों के साथ-साथ इस तरह के कार्यों में सहयोग करने वालों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
प्रवेश और निकास की रहेगी अलग-अलग व्यवस्था :
इस बार थानेश्वर स्थान मंदिर में प्रवेश के लिए मेन गेट से ही भक्त एवं श्रद्धालु जाएंगे। जबकि निकास के लिए काली मंदिर के बगल वाली गेट से निकलेंगे। इससे भीड़ को नियंत्रित करने में सहूलियत होगी। शहर के किसी भी रोड पर अतिक्रमण नही रहे, इसको लेकर सदर एसडीओ दिलीप कुमार ने निर्देश दिया गया है। मंदिर के आसपास भी पूरी तरह से अतिक्रमण को हटाने का निर्देश दिया गया है। वहीं मंदिर परिसर में जाकर भी सदर एसडीओ व एसडीपीओ ने विधि व्यवस्था का जायजा लिया।
सावन को लेकर समस्तीपुर शहर के किसी भी रोड पर अतिक्रमण नही रहे, इसको लेकर सदर SDO और SDPO ने निर्देश दिया है। वहीं मंदिर परिसर में जाकर भी उन दोनों ने विधि व्यवस्था का जायजा लिया।#Samastipur #Sawan2023 @DM_Samastipur @Samastipur_Pol pic.twitter.com/Jbu05mDxsh
— Samastipur Town (@samastipurtown) July 3, 2023
भगवा रंग के कपड़ों से पटा दुकान :
सावन में भगवा रंग का बहुत ज्यादा महत्व है। भगवा रंग भगवान शिव को अतिप्रिय है। इस वजह से कांवर यात्री भगवान रंग के वस्त्र पहनकर ही कांवर यात्रा करते हैं। इस वजह से शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र की दुकानें भगवा रंग के कपड़ों से पट गई है। पैंट, गंजी, गमछा, साड़ी, ब्लाउज, झोला, साफा आदि भगवा रंग के बिकने लगे हैं।