महापर्व छठ को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के वैज्ञानिकों ने ‘गार्डन केन’ नामक गन्ना किया विकसित, जानें क्या है विशेषता…
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समस्तीपुर/पूसा :- महापर्व छठ में गन्ने के अर्घ्य का विशेष महत्व है। इसी को ध्यान में रखते हुए डॉ. राजेंद्र केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के द्वारा ‘गार्डन केन’ नामक गन्ने का नया प्रभेद विकसित किया गया है। आगामी महापर्व छठ में यह गन्ना बाजार में बिक्री के लिए उतारा जाएगा।
गन्ने के इस नए प्रभेद की खासियत है कि इसे गार्डन में भी लगाया जा सकता है। जिस कारण इसका नाम गार्डन केन दिया गया है। यह हल्के सुनहरे लाल कलर का और करीब 10-12 फीट लंबा तक होगा। जिससे महापर्व के दौरान छठ घाटों पर इसे जमीन से खड़ा कर और उनके लिए समर्पित करना आसान होगा।
डॉ. राजेंद्र केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पीएस पांडेय ने नए प्रभेद की जानकारी देते हुए बताया कि बिहार में महापर्व छठ का विशेष महत्व है। इसी को ध्यान में रखते हुए डॉ. राजेंद्र केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के शुगर केन रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों द्वारा गार्डन केन नामक गन्ना के नए प्रभेद को विकसित किया गया है।
केन को विकसित करने में इस संस्थान के वैज्ञानिक पिछले कई सालों से लगे हुए थे। कई सालों की मेहनत रंग ला रही है। उन्होंने कहा कि आगामी महापर्व छठ के दौरान गार्डन केन को बाजार में उतारा जाएगा। इसके लिए विश्वविद्यालय में इसके लगाने के तरीका के बारे में वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को जल्द ही ट्रेनिंग दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह प्रभेद आम किसान भी अपने घर के गार्डन में लगा सकते हैं तथा इसका उपयोग छठ घाट पर कर सकते हैं।
खाने में है रसीला और सॉफ्ट :
डॉ. राजेंद्र केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर पी एस पांडेय ने बताया कि आम गन्ना की तुलना में यह नया प्रभेद सुनहरे लाल कलर का है। यह काफी रसीला है और चूसने (खाने) के दौरान काफी सॉफ्ट रहता है। जबकि दूसरा गन्ना खाने में काफी टाइट होता है।
10 से 12 फीट की होती है लंबाई :
कुलपति ने बताया कि इस गार्डन केन नामक नए पर प्रभेद राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय प्रांगण में लगाया गया है इसकी लंबाई 10 से 12 फीट तक है। इसकी मोटाई भी अच्छी खासी है। यह लोगों को काफी पसंद आएगी।
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