समस्तीपुर में शराबियों को VIP हाजत ट्रीटमेंट मामले पर उत्पाद अधीक्षक पर होगी कार्रवाई, केके पाठक ने लगाई क्लास…
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समस्तीपुर :- उत्पाद विभाग कार्यालय में वीआईपी ट्रीटमेंट वाले हाजत को लेकर गलत जानकारी देने के मामले में समस्तीपुर के मद्यनिषेध एवं उत्पाद अधीक्षक के ऊपर विभागीय कार्यवाही होगी। विभाग के द्वारा उत्पाद अधीक्षक से शोकॉज कर स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। विभाग के मुताबिक वीआईपी हाजत नहीं बल्कि अधिकारियों के ठहरने के लिए रेस्ट रूम बनाया गया है।
बता दें कि मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने वीआइपी यानी संभ्रांत माने जाने वाले वर्ग की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम का गठन किया है। उत्पाद आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी ने बताया कि विशेष टीम वीआइपी कहे जाने वाले लोगों पर नजर रखेगी। उनके विरुद्ध मिलने वाली गुप्त सूचना या शिकायतों के आधार पर विशेष टीम छापेमारी करेगी। अगर ऐसे संभ्रांत लोग चोरी-छिपे शराब पीते हुए पकड़े जाते हैं, तो उनको गिरफ्तार किया जाएगा और कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
मद्य निषेध अधीक्षक पर होगी कार्रवाई :
उत्पाद आयुक्त ने स्पष्ट किया कि वीआइपी लोगों को रखने के लिए किसी तरह का विशेष सेल नहीं बनाया जा रहा है। शराब पीकर गिरफ्तार होने वाले वीआइपी लोगों के लिए विशेष हाजत बनाए जाने संबंधित बयान देने पर समस्तीपुर के मद्य निषेध अधीक्षक शैलेंद्र कुमार चौधरी पर कार्रवाई भी हो सकती है।
अपर मुख्य सचिव ने अधीक्षक से फोन पर की बात :
आयुक्त धनजी ने बताया कि कई समाचार माध्यमों से जानकारी मिली है कि समस्तीपुर अधीक्षक के द्वारा गिरफ्तार वीआइपी लोगों के लिए विशेष कक्ष बनाए जाने की सूचना प्रसारित की है। यह बिलकुल गलत है। इस मामले में विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने अधीक्षक से फोन पर बात की, जिसमें उन्होंने अपनी गलती स्वीकार की है। सूत्रों के अनुसार वीआईपी हाजत वाली बात पर केके पाठक समस्तीपुर मद्य निषेध अधीक्षक से काफी नाराज दिखे।
विभाग की तरफ से कारण बताओ नोटिस भी जारी :
उनको चेतावनी देते हुए कहा गया है कि भविष्य में ऐसी गलती न दोहरायी जाए। इसके साथ ही विभाग की तरह से कारण बताओ नोटिस भी जारी की गई है। जल्द ही उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी शुरू होगी। आयुक्त ने कहा कि वीआइपी कमरे की तस्वीर बताकर जिसे प्रसारित किया जा रहा है, उसका इस्तेमाल मद्य निषेध विभाग से जुड़े कर्मियों के ठहरने के लिए होता है।
मद्य निषेध अधीक्षक ने मानी गलती :
समस्तीपुर के मद्य निषेध अधीक्षक शैलेंद्र कुमार चौधरी ने अपनी गलती मानी है। वीआइपी यानी संभ्रांत माने जाने वाले वर्ग की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम (वीआईपी सेल) का गठन करने का आदेश दिया गया था, जिसे इन्होंने सेल यानी हाजत समझकर वीआईपी हाजत बनवा दिया। मीडिया में खबर चलने के बाद सोशल मीडिया पर यह काफी वायरल हो गया था। हालांकि बाद में मद्य निषेध अधीक्षक को अपनी गलती का एहसास हो गया और आनन-फानन में प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर वीआईपी हाजत की बात का खंडन किया व उसे अतिथियों के ठहरने का गेस्ट हाउस बताया।