समस्तीपुर-मुसरीघरारी जर्जर सड़क पर सफर हुआ मुश्किल, नहीं कोई देखनहार, रोज हो रही दुर्घटना…
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समस्तीपुर :- शहर की लाइफलाइन समस्तीपुर-मुसरीघरारी पथ पर चलना अब खतरों से खाली नहीं है। रोजना यहां से 10 से 12 हजार वाहन गुजरते हैं लेकिन फिर भी यह मुख्य मार्ग अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। मोहनपुर जमुआरी पुल से लेकर मुसरीघरारी के बीच सड़क की यह हालत हो चुकी है कि इस बीच जगह-जगह गढ्ढे ही गढ्ढे बने हुए दिखाए देते है जिससे हर रोज कोई ना कोई दुर्घटना होते ही रहती है। मंगलवार को भी ईट लदी एक ट्रैक्टर पलट गई जिससे वहां जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई।
बिना सड़क का चौड़ीकरण किये डिवाईडर बनाने से हो रही परेशानी :
जिला मुख्यालय की सबसे महत्वपूर्ण सड़कों में शुमार है समस्तीपुर- मुसरीघरारी पथ। इस पथ से होकर ही लोग पटना, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधुबनी आदि जिले के लिए आते-जाते हैं। सबसे व्यस्ततम सड़क में यह शुमार है। प्रतिदिन ट्रैफिक का लोड इस सड़क पर इतना रहता है कि हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है। बावजूद आठ किलोमीटर सड़क का चौड़ीकरण कार्य लगभग तीन साल में भी पूरा नहीं हुआ है। जिस गति से कार्य चल रहा है, उससे लगता नहीं है कि अगले एक साल में भी यह कार्य पूरा हो पाएगा।
बता दें कि जिला मुख्यालय की सबसे महत्वपूर्ण सड़क समस्तीपुर से मुसरीघरारी की है। यह एनएच 28 से सीधा कनेक्ट करती है। पटना से दरभंगा-मधुबनी जाने वालों के लिए यही प्रमुख मार्ग है। शहर के बीचों-बीच समाहरणालय के सामने से होकर गुजरती है। पिछले कुछ सालों में ट्रैफिक लोड इस सड़क पर काफी बढा है।
अधिकांश जगहों पर आज भी ठप पड़े हैं कार्य :
ट्रैफिक लोड को देखते हुए ही तत्कालीन जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने मगरदहीघाट से लेकर मोहनपुर तक की सड़क का चौड़ीकरण कराया था। बीच में डिवाईडर का भी निर्माण कराया गया था, जिससे जाम से लोगों को निजात मिल सके, वहीं दुर्घटना में भी कमी आए। इसका असर भी हुआ। बाद में तत्कालीन जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने मुसरीघरारी से लेकर मोहनपुर तक एवं समस्तीपुर से लेकर मुक्तापुर तक की सड़क को चौड़ीकरण कार्य की स्वीकृति पथ निर्माण विभाग से दिलवाई।
स्वीकृति मिलने के बाद तत्कालीन जिलाधिकारी शशांक शुभंकर के समय में यह कार्य वर्ष 2019 के सितंबर में प्रारंभ किया गया था। करीब तीन साल बीत गए हैं लेकिन यह सड़क आज भी पूरा नहीं हो सका है। सबसे बड़ी बात यह है कि करीब पांच-छह सौ फीट को छोड़ मोहनपुर से मुसरीघरारी तक डिवाईडर का काम पूरा हो गया है। कई जगहों पर सड़कों का चौड़ीकरण करने के लिए कार्य भी शुरू किया गया। लेकिन अधिकांश जगहों पर आज भी कार्य ठप पड़े हैं।
पहले अलकतरा उपलब्ध नहीं होने की कही जा रही थी बात :
कोरोना काल में जब इस सड़क के निर्माण कार्य को लेकर जिलाधिकारी से पूछा गया था तो उन्होंने बताया था कि अलकतरा की आपूर्ति में देरी हो रही है। इसी वजह से निर्माण कार्य में गति नहीं आ रही है। लेकिन डेढ साल से अलकतरा की आपूर्ति होने के बाद भी कार्य पूर्ण नहीं होना सवाल खड़ा करता है।
बिना सड़क का चौड़ीकरण डिवाईडर बनाने से हो रही परेशानी :
सड़क का चौड़ीकरण किए बगैर डिवाईडर बना दिए जाने से भी परेशानी हो रही है। स्थिति यह है कि मोहनुपर से लेकर मुसरीघरारी तक कोई भी गाड़ी चाहकर भी ओवरटेक नहीं कर सकता है। डिवाईडर बना दिए जाने के बाद से यह सड़क काफी सकड़ी हो गई है। वहीं बगैर लाइट लगाए ही डिवाईडर बना दिया गया है। रात के समय बड़ी गाडिय़ों की लाइट डिवाईडर पर रिफलेक्ट करने से छोटी गाडिय़ों एवं बाइक चालकों को वाहनों के परिचालन में काफी कठिनाई होती है।
वन विभाग से अब तक नहीं मिला है क्लीयरेंस :
इस सड़क का निर्माण कार्य बाधित रहने के पीछे वन विभाग से क्लीयरेंस नहीं मिलना बताया गया है। विभागीय स्तर पर कहा गया है कि कई जगहों पर पहले से पेड़ लगे हुए हैं, जिसे काटकर हटाया जाना है या फिर शिफ्टिंग किया जाना है। इसके लिए वन विभाग की ओर से अब तक सहमति नहीं मिली है। वन विभाग से सहमति मिलते ही बिजली विभाग से भी अपने बिजली के खंभों को उखाड़कर साइड करने के लिए कहा जाएगा। हालांकि बिजली विभाग के द्वारा नए पोल गाड़ दिए गए हैं, लेकिन तार खींचकर उस पर बिजली आपूर्ति शुरू नहीं की गई है। जब तक इसे पूरा नहीं किया जाएगा, तक पुराने बिजली के पोल एवं तार को हटाया नहीं जा सकता है।