डाॅ. गिरीश ने पुन: समस्तीपुर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक पद का लिया प्रभार
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समस्तीपुर :- सदर अस्पताल में डा. गिरिश कुमार को फिर से उपाधीक्षक का प्रभार सौंपा गया है। डाॅ. गिरीश ने शनिवार की संध्या पदभार ग्रहण कर लिया। इसको लेकर चिकित्सकों व कर्मियों ने फूल मामला पहनाकर बुके देकर स्वागत किया। मौके पर डा. आरपी मंडल, डा. प्रकाश कुमार, डा. सुमित कुमार, डा. विशाल कुमार, डा. रौशन कुमार, डा. संतोष कुमार झा, शंभु सिंह, मनोज कुमार, धर्मेंद्र पासवान, दारोगा रघुनाथ प्रसाद यादव आदि उपस्थित रहे।
विदित हो कि उपाधीक्षक और नर्स विवाद के पूरे मामले की जांच के उपरांत सिविल सर्जन ने शनिवार को आदेश जारी किया। इसमें निर्णय लिया गया कि पूरे मामले की जांच के उपरांत निर्णय लिया गया कि डा. गिरीश कुमार को पुन: पूर्ववत प्रभारी उपाधीक्षक का प्रभार देकर सदर अस्पताल में कार्य लिया जाए। वहीं परिचारिका श्रेणी नविन्ता कुमारी को सदर अस्पताल स्थित एआरटी में कार्य लिया जाए।
उक्त निर्देश तथा अस्पताल में आने वाले मरीज की जरूरत तथा आकांक्षाओं को देखते हुए जनहित में अस्पताल को सुचारू रूप से चलाने हेतु चिकित्सा पदाधिकारी डा. गिरीश कुमार को पूर्ववत प्रभारी उपाधीक्षक के पद पर कार्य करने हेतु आदेश दिया गया। वहीं डा. आरपी मंडल पूर्व के पद पर कार्य करते रहेंगे। वहीं परिचारिका श्रेणी ए को आदेश दिया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरायरंजन के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से नियमानुकूल विरमित होकर तीन दिनों के अंदर सदर अस्पताल में विधिवत योगदान देकर एआरटी केंद्र के प्रभारी पदाधिकारी के निदेशानुसार कार्य करेंगी।
20 मई को आपरेशन थियेटर में हुआ था विवाद :
सदर अस्पताल के शल्य कक्ष में विगत 20 मई को प्रभारी उपाधीक्षक डा. गिरीश कुमार एवं परिचारिका श्रेणी ए नविन्ता कुमारी के बीच कथित मारपीट से संबंधित विवाद हो गया था। इसके उपरांत पूरे मामले की जांच को लेकर उन्हें प्रभाव से मुक्त किया गया था। जिनके स्थान पर कार्य की जिम्मेवारी डा. आरपी मंडल को दी गई थी। साथ ही नर्स को भी तत्काल घटना की जांच पूर्ण होने तक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरायरंजन में कार्य करने हेतु पत्र निर्गत किया गया था।
तीन सदस्यीय कमेटी ने की पूरे मामले की जांच :
जिलाधिकारी ने उक्त घटना को लेकर तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया था। इसमें आईसीडीएस के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी की अध्यक्षता में मामले की जांच हुई थी। जांच कमेटी ने सिविल सर्जन कार्यालय कक्ष में डा. गिरीश व नविन्ता के अलावा अन्य चिकित्सक व कर्मचारी को बुलाकर पूछताछ करते हुए मामले की जांच की। साथ ही जांच के उपरांत रिपोर्ट समाहरणालय में समर्पित किया।