अपने भूखे बच्चों को खिलाने के लिए महिला ने बेटे की टीचर से मांगे 500 रुपये, मिले 51 लाख; पढ़ें पूरी कहानी
गरीबी से परेशान एक महिला के पास जब कोई चारा नहीं बचा तो उसने अपने तीन बच्चों के भोजन के लिए अपने बेटे के शिक्षक से 500 रुपये की मदद मांगी। उसे क्या पता था कि मदद की यह गुहार उसकी जीवन बदल देगी।
दरअसल केरल के पलक्कड़ जिला की रहने वाली सुभद्रा ने इसी साल अगस्त महीने में अपने पति को खो दिया। उसने अपने बेटे अभिषेक के शिक्षक गिरिजा हरिकुमार से मदद की गुहार लगई।
शिक्षक ने सुभद्र की दिक्कतों को समझा। उसने अपने छात्र के परिवार की मदद के लिए सोशल मीडिया पर क्राउड फंडिंग की शुरुआत की। उन्होंने सुभद्र के बैंक खाते की जानकारी भी लोगों के साथ सोशल मीडिया के जरिए ही साझा की, जिससे की पैसे सीधे उसके खाते में पहुंचे। देखते-दखते ही देखते पोस्ट वायरल हो गया। दो दिनों के भीतर ही खाते में 51 लाख रुपये जमा हो गए।
गिरिजा ने कहा, ‘उन्होंने मेरे से 500 रुपये की मदद मांगी। मैंने सुभद्रा को 1000 रुपये दिए। मैंने उनसे कहा कि मैं कुछ करूंगी।’ इसके बाद वह सुभद्र के घर पहुंची, जहां उन्होंने देखा कि वह किस हाल में जीवन बसर कर रही थी। गिरिजा ने कहा, ‘किचन में मुट्ठी भर अनाज बचे थे। बच्चों के खाने के लिए भी कुछ नहीं था।’
सोशल मीडिया पर लोगों ने शिक्षिका गिरिजा की इस पहल की सराहना की। गिरिजा ने अपने सोशल माीडिया पेज पर तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘सुभद्र की मदद को लेकर पोस्ट करते हुए मेरे दिमाग में सिर्फ दो ही बातें चल रही थी। 1. उनका आधा बना मकान पूरा हो जाए। 2. एक मां को अपने बच्चों की पढ़ाई और उसका पेट पालने के लिए किसी से कुछ मांगने की जरूरत नहीं पड़े। मुझे नहीं पता कि आपकी मदद के लिए मैं कैसे आभार प्रकट करूं।’
आपको बता दें कि 51 लाख में से कुछ पैसों का उपयोग उस घर को पूरा करने के लिए किया जाएगा जिसे सुभद्रा के पति ने मरने से पहले बनाना शुरू किया था। बाकी पैसे उनके बैंक में ही जमा रहेंगे।