अभ्यर्थियों के नामांकन को लेकर मिथिला विश्वविद्यालय प्रशासन ने समस्तीपुर जिले के सभी कॉलेजों के प्रिंसिपलों को जारी की गाइडलाइंस

समस्तीपुर : चार वर्षीय स्नातक प्रथम सेमेस्टर कला, विज्ञान एवं वाणिज्य (प्रतिष्ठा) सत्र 2025-29 में 26 एवं 27 सितंबर को किये गए अभ्यर्थियों के नामांकन को लेकर मिथिला विश्वविद्यालय प्रशासन ने जिले के सभी कॉलेजों को गाइडलाइंस जारी की है। इसमें कहा गया है कि चार वर्षीय स्नातक प्रथम सेमेस्टर कला, विज्ञान एवं वाणिज्य सत्र 2025-29 में 26 व 27 सितंबर को आवेदन किये अभ्यर्थियों का नामांकन के लिए चयन सूची विश्वविद्यालय के वेबसाईट पर जारी कर दी गयी है। अभ्यर्थी अपना चयन-पत्र विश्वविद्यालय के वेबसाईट से आवेदन आई-डी एवं जन्म तिथि या यूजर आई डी (ई-मेल) एवं पासवर्ड के द्वारा लॉग-इन कर डाउन्लोड कर सकते हैं।
कालेजों के प्रिंसिपलों से अनुरोध किया गया है कि नामांकन के लिए जारी चयन सूची से 6 अक्टूबर से 7 अक्टूबर तक अभ्यर्थी को आवंटित महाविद्यालय में नामांकन लिया जाय। जिन विषयों में सीट खाली हैं, उन सीटों को अनारक्षित मानते हुए सभी कोटि के अभ्यर्थियों का रिक्त सीटों के विरूद्ध नामांकन लेना है। प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ (प्रथम एवं द्वितीय ऑनलाईन ऑन-श्पॉट) चयन सूची को निरस्त मानते हुए पूर्व के किसी चयन-पत्र के आधार पर नामांकन नहीं लेने को कहा गया है। केवल 26 व 27 सितंबर को आवेदन किये गए अभ्यर्थियों का जारी चयन सूची के तहत डाउनलोड किये हुए चयन-पत्र के आधार पर ही सभी आवश्यक कागजातों की जांच कर अभ्यर्थियों का नामांकन लेने हैं। नामांकन से संबंधित अन्य बातें यथावत रहेंगी।

प्रिंसिपलों को निर्देश दिया गया है कि नामांकित अभ्यर्थियों का डैस बोर्ड पर 8 अक्टूबर के दो बजे अपरा तक निश्चित रूप से अपडेट कर लेंगे, जिन अभ्यर्थियों के नामांकन को महाविद्यालय द्वारा डैस बोर्ड पर ऑनलाईन के माध्यम से अंतिम रूप से अपडेट नहीं किया जायेगा, तो यह समझा जायेगा कि संबंधित अभ्यर्थी नामांकन के लिए महाविद्यालयों में उपस्थित नहीं हुए।

इस चरण के नामांकन के बाद इस सत्र के नामांकन प्रक्रिया पूर्णत: समाप्त कर जायेगी, साथ ही स्वीकृत सीट से अधिक नामांकन नहीं लेंगे। अगर सीट से अधिक नामांकन वे लेते हैं, तो राज्यादेश का उल्लंघन माना जायेगा एवं इसकी सूचना राज्य सरकार को दे दी जायेगी। वैसे अभ्यर्थी का किसी भी परिस्थिति में पंजीयन एवं परीक्षा प्रपत्र स्वीकार नहीं किया जायेगा। इसकी सारी जवाबदेही प्रिंसिपलों की होगी। राज्य सरकार के दिशा-निर्देश के आलोक में सभी कोटि की महिलाओं तथा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के छात्र/छात्राओं से नामांकन संबंधी शुल्क नहीं लेने को भी कहा गया है।






