ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय परिसर में सार्वजनिक शिक्षा बचाओ कन्वेंशन का आयोजन
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दरभंगा. छात्र संगठन आइसा, दरभंगा के तत्वावधान में गुरुवार को ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय परिसर में सार्वजनिक शिक्षा बचाओ कन्वेंशन का आयोजन किया गया। उद्घाटन करते हुए प्रो. सुरेंद्र सुमन ने कहा कि नई शिक्षा नीति के नाम पर पुरातन शिक्षा व्यवस्था को थोपा जा रहा है। यह कूड़ेदान में डालने वाली शिक्षा नीति है।
आइसा के राष्ट्रीय महासचिव सह पालीगंज से माले विधायक सन्दीप सौरभ ने कहा कि नई शिक्षा नीति संविधान विरोधी, कॉरपोरेट परस्त और गरीब विरोधी है। यह कई आधारों पर शिक्षा विरोधी है। नई शिक्षा नीति बिहार जैसे राज्य के लिए आपदा की तरह है। हम आइसा और अपनी पार्टी भाकपा माले की तरफ से चाहते हैं कि नई शिक्षा नीति को वापस लेने के साथ ही मुचकुंद दुबे कमेटी की सिफारिशों को लागू किया जाए। साथ ही बिहार एक्ट व पटना विवि एक्ट में संशोधन कर राज्यपाल को वाइस चांसलर के पद पर बहाल करने के नियम को बदला जाए।
उन्होंने कहा कि इस बार माले विधानसभा के भीतर यह प्रस्ताव लाएगी। राष्ट्रीय महासचिव ने जेंडर सेंसिटिविटी कमेटी अगेंस्ट सेक्सुअल हैरेसमेंट जैसी संस्थाओं को कैम्पस से हटावने को सरकार का स्त्री शिक्षा विरोधी रवैय्या करार दिया। मुख्य वक्ता आइसा के कार्यकारी महासचिव प्रसेनजीत ने कहा कि यह नई शिक्षा नीति अम्बेडकर के शब्दों में ‘ग्रेडेड इनइक्वलिटी को बढ़ावा देगी। इसके लागू होते ही दर्जनों विश्वविद्यालयों में 400 प्रतिशत तक फीस वृद्धि होगी।
इतिहासविद धर्मेंद्र कुंवर ने नई शिक्षा नीति को शिक्षा का भगवाकरण करार दिया। इनौस के राज्य सह सचिव सन्दीप चौधरी ने कहा कि शिक्षण संस्थानों में जातिगत भेदभाव के मामले रोज दिख रहे हैं। वैसी स्थिति में सामाजिक न्याय का विलोपीकरण अन्यायपूर्ण है। आइसा मिथिला विवि के संयोजक सुनील कुमार ने विश्वविद्यालय के स्तर पर नई शिक्षा नीति के प्रभावों को छात्रों-नौजवानों के सामने लाया। कार्यक्रम का संचालन आइसा जिला सचिव मयंक कुमार ने किया।
मौके पर छात्र नेता प्रिंस राज, लोकेश राज, रौशन कुमार, राजू कर्ण, सबा रौशनी, ओणम, मो. फरमान, शाहबुद्दीन, विकास, ललन, नागमणि के साथ भाकपा माले दरभंगा के जिला सचिव बैद्यनाथ यादव, राज्य कमेटी सदस्य अभिषेक कुमार, भूषण मंडल, देवेंद्र कुमार, रंजीत राम आदि थे। धन्यवाद ज्ञापन आइसा जिलाध्यक्ष प्रिंस राज ने किया।