‘वंदे भारत से कटकर नहीं हुई थी 4 बच्चों की मौत.. ठेकेदार ने मारा था’, जिन्दा बचे एकमात्र बच्चे ने होश में आने पर दिया बयान

पूर्णिया में वंदे भारत ट्रेन की चपेट में आने से चार बच्चों की मौत के मामले ने एक चौंकाने वाला मोड़ ले लिया है। हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए 12 वर्षीय कुलदीप ऋषि ने होश में आने के बाद जो बयान दिया है, उसने इसे एक दुर्घटना नहीं, बल्कि जबरन मजदूरी और सुनियोजित हत्या की भयावह कहानी बना दिया है। कुलदीप ने खुलासा किया कि दरभंगा निवासी ठेकेदार विशु साहनी उन्हें पूर्णिया पूर्व प्रखंड के पसनी गांव स्थित एक मखाना फैक्ट्री में काम पर रखता था। ठेकेदार इन बच्चों से 17 से 18 घंटे तक जबरन मखाना फोड़ने का काम करवाता था।
जबरन मजदूरी की बात
कुलदीप ने बताया कि ठेकेदार हमें रात में भी सोने नहीं देता था। काम से मना करने या देर करने पर जूते-चप्पल से बेरहमी से पिटाई होती थी।” कुलदीप 21 दिन पहले ही इस काम पर गया था, जहाँ उन्हें ₹5000 प्रति माह का लालच दिया गया था। कुलदीप के अनुसार, दशमी के दिन ठेकेदार ने सभी बच्चों को ₹50 देकर मेला देखने भेजा था, लेकिन बच्चों ने तय किया कि वे अब वापस नहीं जाएंगे और घर भाग जाएंगे। भागने के दौरान, रास्ते में ठेकेदार विशु साहनी ने उन्हें पकड़ लिया।

बच्चों से मारपीट
कुलदीप ने कहा कि ठेकेदार ने हम पांचों बच्चों को बुरी तरह पीटा। मारपीट के बाद हमें अधमरा कर रेलवे पटरी के पास छोड़ दिया और भाग गया।” इसी बेहोशी की हालत में वे रेलवे ट्रैक के पास पड़े रहे और वंदे भारत ट्रेन वहाँ से गुजरी। इस हादसे में तीन बच्चों की मौके पर और एक की इलाज के दौरान मौत हो गई, जबकि कुलदीप बच गया। मृतक बच्चों के परिजनों ने हत्या की आशंका जताई है। उनका तर्क है कि अगर बच्चे तेज रफ्तार वंदे भारत ट्रेन से कटे होते, तो शवों के टुकड़े-टुकड़े हो जाते, लेकिन बॉडी एक ही जगह पड़ी थी। उनका आरोप है कि बच्चों को पहले मारा गया और फिर सबूत मिटाने के लिए पटरी पर फेंका गया।

जांच की मांग
घटना की गंभीरता को देखते हुए सांसद पप्पू यादव ने डीआईजी से फोन पर बात कर उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह साफ तौर पर हत्या का मामला है और दोषियों को जल्द गिरफ्तार किया जाना चाहिए। फिलहाल, ठेकेदार विशु साहनी फरार है और पुलिस उसकी तलाश में जुटी है। स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से पूरे मामले की CBI या SIT जांच कराने, मृतक परिवारों को उचित सरकारी मुआवजा देने और बच्चों की जबरन मजदूरी कराने वाले ठेकेदारों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।





