तिरहुत एमएलसी चुनाव में निर्दलीय वंशीधर ब्रजवासी सबसे आगे; जन सुराज, आरजेडी से भी पिछड़ी जेडीयू
बिहार विधान परिषद की तिरहुत स्नातक एमएलसी सीट के चुनाव की मतगणना शुरू हो चुकी है। पहली वरीयता के मतों की गिनती का पहला चक्र पूरा हो गया है। इस राउंड में निर्दलीय कैंडिडेट और शिक्षक नेता वंशीधर ब्रजवासी अपने निकटतम प्रतिद्वंदी से दोगुने वोट के साथ सबसे आगे हैं। प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी के कैंडिडेट विनायक गौतम दूसरे, राजद के गोपी किशन तीसरे और जेडीयू के अभिषेक झा चौथे नंबर पर चल रहे हैं। जेडीयू सांसद देवेश चंद्र ठाकुर के विधान परिषद से इस्तीफे के बाद इस सीट पर उपचुनाव कराया गया है। 17 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। 5 दिसंबर को इस सीट के तहत शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर और वैशाली में 197 बूथों पर करीब 48 फीसदी मतदान हुआ था।
मतगणना केंद्र एमआईटी में 20 टेबल पर एक चक्र में 500-500 यानी लगभग 10 हजार मतों की गिनती हो रही है। एमएलसी चुनाव में लगभग 70 हजार मतदान हुआ था। प्रथम वरीयता के मतों की गिनती का आगे सात और चक्र बाकी है। इसमें अगर किसी उम्मीदवार को वैध वोट का 50 परसेंट प्लस 1 वोट नहीं मिला तो एलिमिनेशन राउंड शुरू होगा। इसमें दूसरी और आगे जरूरत पड़ने पर तीसरी या चौथी वरीयता के मतों की गिनती भी होगी। गिनती की यह प्रक्रिया इसी तरह चलती रहेगी, जब तक एक कैंडिडेट को 50 प्रतिशत से एक ज्यादा वोट ना मिल जाए। सुबह आठ बजे से ही वोटों का बंडल बनाने का काम शुरू हो गया था।
शाम 7.45 बजे- पहली वरीयता के मतों की गिनती का पहला चक्र पूरा हो गया है जिसमें निर्दलीय उम्मीदवार और शिक्षक नेता वंशीधर ब्रजवासी 3133 वोट के साथ सबसे आगे हैं। जन सुराज पार्टी के विनायक गौतम 1610 वोट के साथ दूसरे, आरजेडी के गोपी किशन 1234 वोट के साथ तीसरे और जेडीयू के अभिषेक झा 1184 वोट के साथ चौथे नंबर पर चल रहे हैं। निर्दलीय राकेश रौशन ने 867 और संजय झा ने 814 वोट जुटाए हैं। अरविंद कुमार को 43, अरुण जैन को 18 वोट मिला है। 931 वोट अवैध घोषित हुए। अब तक कुल 9958 वोट गिने गए हैं।
पहली वरीयता के पहले राउंड की गिनती
वंशीधर बृजवासी- 3133
विनायक गौतम-1610
गोपी किशन- 1234
अभिषेक झा- 1184
राकेश रौशन- 867
संजय झा- 814
अरविंद कुमार- 43
अरुण जैन- 18
कुल वैध- 9067
कुल अवैध- 931
कुल मत- 9958
कैसे होती है विधान परिषद चुनाव में वरीयता वाले मतों की गिनती
बता दें कि इन चुनावों में एक वोटर एक से अधिक कैंडिडेट को पहली, दूसरी, तीसरी वरीयता के वोट दे सकता है। पहली वरीयता के एक वोट को एक वोट गिना जाता है जबकि दूसरी वरीयता के दो वोट को एक गिना जाता है। इसमें विजेता की घोषणा तब होगी जब किसी कैंडिडेट को 50 प्रतिशत प्लस वन वोट मिल जाए। कई बार नतीजे तीसरी वरीयता के मतों की गिनती तक खिंच जाते हैं।
पहली वरीयता के मतों की गिनती के बाद एलिमिनेशन राउंड शुरू होगा और सबसे कम पहली वरीयता वोट पाने वाले कैंडिडेट को गणना से बाहर करके उसे मिले बैलट पर दूसरी वरीयता के मतों को गिनकर वैल्यू के हिसाब से बचे हुए कैंडिडेट में जोड़ा जाएगा। यह प्रक्रिया तब तक चलती रहेगी जब तक किसी एक कैंडिडेट को 50 परसेंट प्लस वन वोट ना हासिल हो जाए। जिसे ये वोट मिलेगा, वो विजेता घोषित हो जाएगा।