समस्तीपुर Town

नजर हर खबर पर…

BiharNEWS

शिक्षक और कोचिंग के बाद केके पाठक के निशाने पर छात्र, 15 दिन लगातार गायब रहने वाले छात्रों का नामांकन होगा रद्द

बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव अपने आदेशों की वजह से लगातार चर्चा में बने हुए हैं. शिक्षा व्यवस्था की सुधार के लिए उनके द्वारा लगातार उठाए जा रहे कदम का अब कई स्कूलों में असर भी दिखने लगा है. लेकिन अभी भी कई ऐसे स्कूल हैं जहां छात्रों की उपस्थिति कम है. ऐसे में के के पाठक ने एक बार फिर से सभी जिलों के डीएम को एक पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने कहा कि राज्य भर में स्कूल में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए एक-एक विद्यालय में आरडीडी, डीइओ और डीपीओ खुद से हस्तक्षेप करेंगे और सभी छात्र-छात्राओं एवं उनके अभिभावकों से बात करेंगे. इसके साथ ही उन्होंने नामांकन लेकर स्कूल नहीं आने वाले छात्रों का एसमिशन रद्द करने का आदेश भी दिया है. उन्होंने कहा ऐसे करने से सीधे तौर पर राज्य सरकार को 300 करोड़ रुपये की बचत हो सकती है.

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठन ने स्कूलों में बच्चों की मौजूदगी 50 प्रतिशत से कम होने पर चिंता जाहिर की और सभी डीएम को दिशा निर्देश भेजा है. उन्होंने कहा है कि एक जुलाई से स्कूलों में निगरानी व्यवस्था शुरू की गयी है. इसके तहत विद्यालयों का लगातार निरीक्षण किया जा रहा है. जुलाई से अब तक 50 प्रतिशत से कम उपस्थिति वाले विद्यालयों की संख्या कम हुई है, लेकिन अभी भी लगभग 10 प्रतिशत विद्यालय ऐसे हैं, जहां छात्र की उपस्थिति 50 प्रतिशत से कम है, जो चिंता का विषय है. ऐसे में सभी आरडीडी, डीइओ और डीपीओ को चरणबद्ध तरीके से काम करना होगा.

IMG 20220723 WA0098

शिक्षा विभाग ने दिया निर्देश, सभी डीपीओ पांच-पांच स्कूल को करें एडॉप्ट

केके पाठन ने सभी डीएम को निर्देश दिया है कि वह अपने जिले के डीइओ, सभी डीपीओ को पांच-पांच विद्यालय एडॉप्ट करने को कहें. वहीं, जिस डीपीओ के कार्यक्षेत्र में ऐसा कोई विद्यालय नहीं है, जहां छात्रों की उपस्थिति 50 प्रतिशत से कम है, तो उसे कार्यक्षेत्र के बाहर का भी विद्यालय दिया जाये. एडॉप्ट किए हुए विद्यालयों में यह सभी पदाधिकारी लगातार प्रतिदिन जायेंगे और वहां की व्यवस्थाओं के साथ छात्रों और शिक्षकों की उपस्थिति का निरीक्षण करेंगे.

15 August1 page 0001 1IMG 20230604 105636 460

अनुपस्थित छात्रों का नामांकन रद्द करने का निर्देश

पाठक द्वारा लिखे गए पत्र में ऐसे छात्रों एवं उनके अभिभावकों से भी बात करने का निर्देश दिया गया है जो तीन दिन से लगातार अनुपस्थित हैं. ऐसे छात्रों को स्कूलों के प्रधानाध्यापक द्वारा नोटिस दिया जाए. वहीं 15 दिन लगातार अनुपस्थित रहने पर छात्र का नामांकन रद्द किया जाये. के के पाठक ने कहा कि विभाग को जानकारी मिली है कि कई छात्रों ने सिर्फ सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ लेने के नामांकन कराया है. ऐसे छात्रों की ट्रैकिंग की जाए. इसके साथ ही दो स्कूलों में नामांकन कराने वाले छात्रों का भी एडमिशन रद्द किया जाए.

IMG 20230818 WA0018 02

सभी छात्रों की ट्रैकिंग करने का निर्देश

विभाग ने कहा है कि सभी छात्रों की ट्रैकिंग करने का निर्देश दिया है. देखा जाए कि छात्र कहीं एक ही साथ दो विद्यालयों में तो नहीं पढ़ रहे हैं. ऐसे छात्र नाम कटने के डर से लगातार 15 दिन अनुपस्थित नहीं रहते हैं और बीच-बीच में हमारे स्कूल में आते रहते हैं. विभाग को शिकायत मिली है कि डीबीटी लेने के उद्देश्य से छात्र, छात्राएं ने केवल सरकारी विद्यालयों में दाखिला लिया है, जबकि वह जिला या जिला के बाहर के निजी विद्यालयों में पढ़ाई करते हैं. वहीं, कुछ छात्रों के तो राज्य के बाहर (कोटा इत्यादि) में भी रहने की सूचना है. इस कारण से ऐसे हर एक मामले की ट्रैकिंग की जाए और इस तरह के छात्रों का नामांकन रद्द किया जाये, जो केवल डीबीटी के उद्देश्य से सरकारी विद्यालयों से जुड़े हुए हैं.

IMG 20230728 WA0094 01

300 करोड़ रुपये की सीधी बचत होगी

विभाग के मुताबिक प्रत्येक वर्ष राज्य सरकार कई योजनाओं के तहत लगभग 3000 करोड़ की डीबीटी सहायता देती है यदि ऐसे 10 प्रतिशत छात्रों का भी नामांकन रद्द किया गया, जो केवल डीबीटी के उद्देश्य से यहां नामांकित हैं और पढ़ते कहीं और है, तो राज्य को लगभग 300 करोड़ की सीधी बचत होगी. साथ ही, आरडीडी भी पांच स्कूल को एडाप्ट करें. वहीं, प्रचार-प्रसार करें.

IMG 20230701 WA0080IMG 20230324 WA0187 01IMG 20230620 WA0060IMG 20230416 WA0006 01