बिहार के स्कूलों और कॉलेजों में चकाचक होगी प्रयोगशालाएं, पेशेवर एजेंसियां देखेंगी प्रबंधन…
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राज्य के नौ हजार से अधिक प्लस टू स्कूलों और राज्य के 15 विश्वविद्यालयों और उनके 265 अंगीभूत कॉलेजों की प्रयोगशालाओं को नये सिरे से एक्टिव होगा. निजी एजेंसियां इसका कायाकल्प करेगी. इसके लिए पेशेवर एजेंसियों से प्रस्ताव मांगे गये हैं. सात सितंबर को मांगे गये प्रस्तावों का परीक्षण किया जायेगा. शिक्षा विभाग के मुताबिक चयनित पेशेवर एजेंसी प्रयोगशालाओं के रखरखाव, प्रबंधन, उसके उपकरण तक मुहैया करायेगी. यह प्रस्ताव शिक्षा विभाग ने मांगे हैं.
पेशेवर एजेंसियां को सौंपा जायेगा प्रबंधन
शिक्षा विभाग की तरफ से मांगे गये प्रस्तावों में चयनित एजेंसी को प्रयोगशालाओं के लिए लैब इंस्ट्रक्टर और सुपरवाइजर की का प्रबंधन भी करना होगा. एजेंसी का चयन तीन साल के लिए किया जाना है. विभाग ने बिड संबंधी रिक्वेस्ट ऑफ प्रपोजल में नियुक्त किये जाने वाले इंस्ट्रक्टर और सुपरवाइजर के लिए शैक्षणिक योग्यता निर्धारित कर दी है. 50 प्लस टू स्कूलों पर एक सुपरवाइजर के हिसाब से 180 सुपरवाइजर नियुक्त किये जायेंगे.
9000 से अधिक लैब इंस्ट्रेक्टर की होगी नियुक्ति
प्रति स्कूल एवं कॉलेज एक के हिसाब से 9000 से अधिक लैब इंस्ट्रेक्टर की नियुक्ति की जायेगी. यह दोनों पदाधिकारी बाकायदा लैब संचालन से लेकर कक्षाएं तक संचालित करायेंगे. प्रत्येक लैब में 25 से 30 विद्यार्थियों की रोजाना चार प्रेक्टिकल क्लास लगायी जायेंगी. चयनित एजेंसी की यह जिम्मेदारी होगी कि वह संबंधित स्कूल और कॉलेज के शिक्षकों को लैब संचालन की ट्रेनिंग भी दे.
इन विषयों की लैब को दिया जायेगा नया रूप
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक फिजिक्स, कैमिस्ट्री, जूलॉजी, बॉटनी , सायकोलॉजी , ज्योग्राफी और होम साइंस विषय की लैब को नया रूप दिया जाना है. सभी विषयों के लिए प्रेक्टिकल लिस्ट भी तैयार की गयी है. खास बात यह होगी कि सभी लैब में पीजी और स्नातक स्तर के प्रयोगों के लिए जरूरी सुविधाओं की अलग-अलग सूची तैयार की गयी है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक की पहल पर यह कवायद की जा रही है.
प्रत्येक लैब में होंगे इतने उपकरण
चयनित एजेंसी को 62 प्रकार के सामान्य 91 प्रकार के उपकरण प्रत्येक लैब में मुहैया कराने होंगे. इसके अलावा फिजिक्स में 58 प्रकार के , कैमिस्ट्री के 68 , बायोलॉजी के 101 प्रकार के अतिरिक्त उपकरणों के प्रबंध करने होंगे. बॉटनी,जूलॉजी एवं अन्य विषयों के लिए चयनित एजेंसी को उपकरण मुहैया कराने होंगे. कैमिस्ट्री की लैब के 108 प्रकार के कैमिकल मुहैया कराने की बात कही गयी है.
पटना में बनेगा पुरातात्विक धरोहर संरक्षण के लिए रसायनिक प्रयोगशाला
अमूल्य पुरातात्विक इमारत, मूर्तियों, सिक्के, अभिलेख, पांडुलिपियों, चित्रकला और अन्य पुरावशेष के संरक्षण के लिए पटना में रासायनिक प्रयोगशाला का निर्माण होगा. राज्य सरकार ने पुरातत्व निदेशालय के अंतर्गत रसायनिक संरक्षण प्रयोगशाला निर्माण का निर्णय लिया है.इसके लिये पुरातत्व भवन का भी निर्माण किया जायेगा. प्राचीन वस्तुओं जैसे कांस्य चित्र, तांबे की प्लेटें, सिक्के, टेराकोटा,स्टोन से बनी वस्तुएं, प्लास्टर,पेंटिंग,सोने, चांदी और तांबे से बने धातु पुरावशेषों के क्षरण को रोकने के लिये उन्हें संरक्षित करने के लिये उसका ट्रीटमेंट किया जाता है.
रासायनिक उपचार किया जायेगा
ट्रीटमेंट नहीं होने से बहुमूल्य पुरातात्विक वस्तुएं नष्ट होने लगते हैं. इसके सरंक्षण के लिये रासायनिक प्रयोगशाला अहम रोल अदा करता है.जैविक सामग्री अर्थात. ताड़ के पत्ते, लकड़ी की कलाकृतियां और पांडुलिपियां आदि जो तेल, धूल और कीड़ों से प्रभावित होती हैं, उनका भी रासायनिक उपचार किया जाता है. वहीं,अन्वेषण और उत्खनन से एकत्र की गई पुरातात्विक कलाकृतियों को रासायनिक प्रयोगशालाओं में रासायनिक रूप से संरक्षित किया जाता है.