26 दिनों बाद विभाग में पहुंचें शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर, निजी सचिव भी थे साथ; केके पाठक के साथ विवाद के बाद नहीं गए थे ऑफिस
बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर 26 दिनों बाद मंगलवार को विभाग में आए। शाम को साढ़े पांच बजे के बाद वह विभाग के अपने कक्ष में आए। उनके साथ उनके आप्त सचिव (बाह्य) केएन यादव भी पहुंचे थे। मालूम हो कि पांच जुलाई को विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश पर निदेशक (प्रशासन) सुबोध कुमार चौधरी ने मंत्री के आप्त सचिव केएन यादव को उनके पीत पत्र के बदले पत्र लिखा था। इस पत्र के माध्यम से केएन यादव के विभाग में प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी। इसके बाद से ही शिक्षा मंत्री भी विभाग नहीं आ रहे थे। हालांकि इस दौरान विभागीय फाइलों का निष्पादन मंत्री अपने आवास पर से कर रहे थे।
इसके पहले केएन यादव ने केके पाठक समेत अन्य पदाधिकारियों को पीतपत्र लिखा था और विभाग के कार्यकलापों पर आपत्ति जतायी थी। इस संबंध में मीडिया से बातचीत में शिक्षा मंत्री ने कहा कि विभाग में आकर उन्होंने कई फाइलों का निष्पादन किया। बता दें शिक्षा मंत्री और केके पाठक के विवाद के बीच राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने चंद्रशेखर को 6 जुलाई को सीएम नीतीश कुमार से मिलने के लिए भेजा था। बताया गया कि नीतीश कुमार के हस्तक्षेप के बाद भी शिक्षा मंत्री व केके पाठक के बीच तनातनी जारी रही।
वहीं दूसरी ओर शिक्षा मंत्री के विभाग नहीं आने के बीच केके पाठक ने ताबड़तोड़ कई आदेश जारी कर दिए। मसलन, बिहार के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि स्कूल अवधि (सुबह नौ से शाम चार बजे तक) में कोचिंग संस्थान न चले, यह सुनिश्चित कराएं। केके पाठक ने इस बाबत सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखा। एक अन्य आदेश में 15 अगस्त के बाद अगर सभी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति 50 फ़ीसदी भौतिक रूप में नहीं हुई तो संबंधित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी पर कार्रवाई होगी।




