बिहार: पटना के बेऊर जेल में बंद सृजन घोटाले के आरोपी की अचानक मौत, प्रशासन में मची खलबली
बिहार राजधानी पटना में सृजन घोटाले के आरोप में बेऊर जेल में बंद अरुण कुमार की शनिवार की रात मौत हो गयी. वह 2017 से बेऊर जेल में बंद थे. बताया जा रहा है कि जेल में अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गयी. इसके बाद उन्हें आनन-फानन में पीएमसीएच ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. करीब 61 साल के अरुण कुमार भागलपुर के जिला कल्याण पदाधिकारी थे. इसी घोटाले में उनकी पत्नी इंदु गुप्ता भी आरोपित थीं, लेकिन उन्हें जमानत मिल गयी थी. अरुण के छोटे भाई की पत्नी सुषमा ने आरोप लगाया है कि जेल प्रशासन की लापरवाही की वजह से उनकी मौत हुई है. उनकी तबीयत काफी पहले से खराब थी. मगर जेल प्रशासन ने उन्हें पीएमसीएच भेजने में देर कर दी और ब्रेन हेमरेज से उनकी मौत हो गयी.
2019 में कुर्क हुई थी संपत्ति
जिला कल्याण पदाधिकारी के पद पर तैनात अरुण कुमार और पत्नी इंदू गुप्ता मामले में मुख्य आरोपियों में शामिल हैं. मामले में सहभागिता पाये जाने के बाद सीबीआइ ने अरुण कुमार को जेल भेज दिया. मगर, कई बार पूछताछ के लिए बुलाने पर भी इंदू गुप्ता नहीं आयी. जिसके बाद सीबीआइ ने उनके घर में इश्तेहार चस्पा किया था. फिर 2019 में सीबीआइ ने कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई करते हुए इंदू गुप्ता के बोरिंग रोड स्थित श्रीभगवान कुंज अपार्टमेंट स्थित फ्लैट, शास्त्री नगर की जमीन और बाकरगंज स्थित दुकान को कुर्क कर लिया.
कई आरोपियों पर सीबीआइ का कसा है शिकंजा
बता दें कि सृजन घोटाले में सीबीआइ ने तत्कालीन जिला कल्याण पदाधिकारी अरुण कुमार, उनकी पत्नी इंदु गुप्ता, पूर्व एडीएम राजीव रंजन सिंह, नजारत के पूर्व सहायक नाजिर अमरेंद्र यादव, भू-अर्जन के पूर्व नाजिर राकेश झा, जिला परिषद के पूर्व नाजिर राकेश यादव, पूर्व डीडीसी प्रभात सिन्हा के अलावा कई बैंक के अफसर व कर्मचारियों की संलिप्तता सामने आयी है. लिहाजा सीबीआइ के द्वारा मामले में बड़े स्तर पर आरोपियों पर कार्रवाई की जा रही है.