बिहार में अधेड़ जोड़े की अनोखी शादी, भीख मांगकर गुजारा करते दोनों; लोगों ने कराया विवाह
बिहार में एक अनोखी शादी चर्चा में है। सुपौल जिले के निर्मली अनुमंडलीय अस्पताल के मुख्य द्वार के समीप सादगी से यह अनोखी शादी हिन्दू रीति-रिवाज से संपन्न हुई। शादी में स्थानीय लोगों ने 54 वर्षीय दिव्यांग शख्स की 50 वर्षीय विधवा महिला से शादी करवा दी है। हिंदू रीति रिवाज के अनुसार स्थानीय नागरिक इस शादी के गवाह बने। सात फेरे लेने और माला पहना कर दोनों पति-पत्नी के बंधन में बंध गए।
नथुनी और गंगोली भीख मांग कर करते थे गुजारा
दरअसल 54 वर्षीय दिव्यांग दूल्हा का नाम नथुनी यादव है। जो मधुबनी जिले के राजबलीगढ़ गांव का रहने वाला है। जबकि 50 वर्षीय दुल्हन गंगिया देवी औरंगाबाद जिले की निवासी है। निर्मली अनुमंडलीय अस्पताल के समीप की रहने वाली मधुबाला देवी ने बताया कि दिव्यांग नथुनी यादव निर्मली बाजार में ही भीख मांग कर अपना घर बार चलाता है। जो अब तक कुंवारा था। वहीं 50 वर्षीय गंगिया देवी विधवा है। जिसकी शादी होने के 2 वर्ष बाद ही उसके पति गुजर चुके है। वही गंगिया देवी निर्मली नगर पंचायत में भीख मांग कर गुजरा करती है।
स्थानीय लोगों के सुझाव पर दोनों शादी को तैयार हुए
स्थानीय लोगों को जब इसकी जानकारी मिली, तो दोनों का विवाह करवाने के बारे में सोचा। फिर दोनों की शादी कराने के बारे में चर्चा की और दोनों की राय ली। दोनों बुजुर्ग तैयार हो गए। तो बुधवार की देर रात इस अनोखी शादी की तैयारी समाज के बुजुर्ग लोगों ने शुरू कर दी।
निर्मली अनुमंडल अस्पताल में कार्यरत एएनएम और जीएनएम सहित कई स्टाफ शादी में शामिल हुए। इस अनोखे शादी को लेकर करीब एक घंटे तक अस्पताल के गेट के पास लोगों की भीड़ जुटी रही। शादी को लेकर दोनों के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी।
इधर, स्थानीय युवक और ग्रामीण मोबाइल से शादी का वीडियो भी बनाते हुए नजर आए। दूल्हा और दुल्हन को नए कपड़े पहना कर सजाया और संवारा गया। दूल्हा नथुनी यादव और दुल्हन गंगिया देवी ने एक-दूसरे को माला पहना कर शादी की रस्म पूरी की।
हिन्दू रीति-रिवाज से हुई शादी पूरी तरह से सादगी से संपन्न हुई। स्थानीय लोगों ने शादी को लेकर अस्पताल के मेन गेट के द्वार पर ही कार्टून में आग जलाया। जिसके बाद दोनों दूल्हा-दुल्हन ने अग्नि को साक्षी मानकर सात जन्मों तक जीने मरने का फेरा लिया।