प्रशांत किशोर को मिल रहा रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स का साथ, 6 पूर्व IAS के बाद अब 12 सेवानिवृत्त IPS जन सुराज से जुड़े
लगातार पूर्व अफसरों का समर्थन मिल रहा है। दिन बा दिन उनके अभियान से जुड़ने वाले अफसरों की संख्या बढ़ती जा रही है। अभी हाल ही में 6 रिटायर्ड आईएएस जन सुराज में शामिल हुए थे। और अब 12 पूर्व आईपीएस जन सुराज अभियान के साथ जुड़ गए। आज पटना स्थित जन सुराज कार्यालय में सदस्यता ग्रहण की। सभी बारह पूर्व आईपीएस राज्य सरकार के साथ-साथ अलग-अलग राज्यों में सेवारत रह चुके हैं। और अब पीके के अभियान से जुड़कर समाज सेवा करना चाहते हैं।
जन सुराज के साथ जुड़े 12 पूर्व आईपीएस
पीके के अभियान में शामिल होने वाले पूर्व आईपीएस अधिकारियों में कुछ डीजी स्तर, IG स्तर, DIG स्तर के अधिकारी शामिल हैं।
1- जितेंद्र मिश्रा (समस्तीपुर) – सेवानिवृत्त, पुलिस महानिरीक्ष, IG, होमगार्ड, 2004 IPS बैच
2- एस के पासवान (वैशाली)- सेवानिवृत्त महानिदेशक (DG) 1979 IPS बैच
3- के. बी सिंह (सारण)- सेवानिवृत्त पुलिस उपमहानिरीक्षक (DIG)संचार. 1983 IPS बैच
4- उमेश सिंह (बेगूसराय)- सेवानिवृत्त पुलिस महानिरीक्षक (IG विजिलेंस, 1984 IPS बैच
5- अनिल सिंह (सुपौल)- सेवानिवृत्त पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG) मुजफ्फरपुर, 2002 IPS बैच
6- शिव कुमार झा (सुपौल)- सेवानिवृत्त, पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG) इकोनोमिक्स अफेयर, 2004 IPS बैच
7- अशोक कुमार सिंह (सीवान)- पुलिस महानिदेशक (DG), 1980 बिहार लोक सेवा आयोग बैच, 1999 IPS बैच
8- राकेश कुमार मिश्रा (सहरसा)- सेवानिवृत्त महानिदेशक (DG), 1986 IPS बैच
9– सी पी किरण (पटना)- सेवानिवृत्त IPS
10- मो. रहमान मोमिन (भोजपुर)- सेवानिवृत्त IPS
11- शंकर झा- सेवानिवृत्त IPS
12- दिलीप मिश्रा- सेवानिवृत्त IPS
इन दिनों प्रशांत किशोर जन सुराज पदयात्रा पर हैं। और अब तक सात जिलों, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, गोपालगंज, सीवान, सारण, वैशाली के तमाम गांवों में लगभग 3000 किलोमीटर की दूरी तय कर चुके हैं। और अभी 30 और जिलों में पदयात्रा होगी।
‘दो विचारधाराओं के बीच 20-20 मैच चल रहा’
जन सुराज अभियान में पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों के शामिल होने के मौके पर पूर्व आईपीएस राकेश मिश्रा ने कहा कि आज दो विचारधाराएं हमारे देश को प्रभावित कर रही हैं और दोनों विचारधाराएं आज 20-20 का मैच खेल रही हैं। आज ऐसी विचारधारा चल रही है कि देश के 20 प्रतिशत जो ‘उन्नत और स्वर्ण’ कहलाते हैं, अलग कर शेष 80 प्रतिशत को संगठित कर राजनीति के जरिए शासन करने का प्रयास कर रहे हैं और उसका परिणाम हम समाज में देख सकते हैं। एक और विचारधारा है जो 20 प्रतिशत अल्पसंख्यक आबादी को अलग करती है और 80 प्रतिशत हिंदू आबादी को संगठित करती है। और शासन व्यवस्था चलाने की कोशिश करती है। इन दोनों विचारधाराओं से जुड़े दल इसी आधार पर शासन कर रहे हैं।
2 मई को 6 पूर्व आईएएस हुए थे शामिल
पीके के अभियान में 6 सेवानिवृत्त अधिकारियों में पूर्व जिला मजिस्ट्रेट, विभाग के सचिव और कैबिनेट स्तर के अधिकारी शामिल हैं।पूर्व आईएएस अधिकारियों में अजय कुमार द्विवेदी (पश्चिम चंपारण, सेवानिवृत्त विशेष सचिव, कैबिनेट, बिहार सरकार); अरविंद कुमार सिंह (भोजपुर, सेवानिवृत्त सचिव, पूर्व जिलाधिकारी, कैमूर एवं पूर्णिया); ललन यादव (मुंगेर, सेवानिवृत्त आयुक्त, पूर्णिया, डीएम, नवादा, कटिहार); तुलसी हजार (पूर्वी चंपारण; सेवानिवृत्त प्रशासक बेतिया राज, बिहार सरकार); सुरेश शर्मा (गोपालगंज, सेवानिवृत्त संयुक्त सचिव, स्वास्थ्य विभाग, बिहार सरकार) एवं गोपाल नारायण सिंह (औरंगाबाद, सेवानिवृत्त संयुक्त सचिव, ग्रामीण कार्य विभाग, बिहार सरकार) शामिल हैं।
बढ़ता जा रहा जन सुराज अभियान का कुनबा
प्रशांत किशोर ने कहा कि जनसुराज के साथ अब तक दो एमएलसी भी जुड़ चुके हैं। जनसुराज अभियान के समर्थन से अफाक अहमद सारण के शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से जीते और एमएलसी बने। एमएलसी सच्चिदानंद राय और भाजपा के पूर्व एमएलसी भी प्रशांत किशोर के साथ जुड़े हुए हैं। आज 200 से अधिक IAS, IPS, डॉक्टर, अधिवक्ता और तमाम व्यवसायों के लोग जन सुराज अभियान से जुड़े हैं। औपचारिक रूप से जन सुराज के साथ जुड़ने की प्रक्रिया 2 मई से शुरू हुई है। आने वाले छह महीनों में, और लोग हमसे जुड़ेंगे। आपको बता दें, प्रशांत किशोर यात्रा के दौरान ग्रामीणों को वोट और शिक्षा का महत्व समझाते हुए खास तौर पर भाजपा, जदयू और राजद पर निशाना साधते रहे हैं। उन्होंने अपने हमलों में पीएम मोदी तक को नहीं बख्शा है।