15 सालों से न कॉलेज गए, न एक भी क्लास ली; फिर भी हर महीने सैलरी उठा रहे बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर
अपने बयानों और हिंदी- अंग्रेजी ज्ञान को लेकर सुर्खियों में रहने वाले बिहार के शिक्षामंत्री प्रो चन्द्रशेखर एकबार फिर चर्चा में हैं. इसबार वह अपने किसी बयान को लेकर नहीं बल्कि प्रोफेसर की सैलरी के लिए हैं. प्रो चन्द्रशेखर बिहार के शिक्षा मंत्री के पद पर रहते हुए भी वह कॉलेज से वेतन का लाभ ले रहे हैं. औरंगाबाद शहर के राम लखन सिंह यादव कॉलेज में प्रोफेसर चंद्रशेखर ने पिछले 15 सालों से कोई क्लास नहीं ली है. कॉलेज की उपस्थिति पंजी में भी उनकी हाजिरी नहीं है. इसके बाद भी वह वेतन के रूप में भारी भरकम राशि हर महीने ले रहे हैं. प्रो. चन्द्रशेखर राम लखन सिंह यादव कॉलेज में प्राणी विज्ञान विभाग के सहायक प्राध्यापक हैं. वह इस कॉलेज से 1985 से जुड़े हैं. वह मार्च 2026 में सेवानिवृत होने वाले हैं.
इधर शिक्षामंत्री को वेतन दिए जाने पर रामलखन सिंह कॉलेज के प्रचार्य ने बताया कि सरकार के निर्देशानुसार वेतन भुगतान किया जा रहा है. प्रचार्य ने कहा कि भले ही वह 15 वर्षों से उनकी हाजिरी नहीं बन रही है इसके बाद भी उनको विभागीय आदेश के बाद भुगतान किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि शिक्षामंत्री फैसिलिटी का लाभ विधायकी क्षेत्र से ले रहे हैं और आर्थिक लाभ प्रोफेसर के पद से उठा रहे हैं.
बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं चन्द्रशेखर
बिहार के शिक्षामंत्री चन्द्रशेखर अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहते हैं. बुधवार को उन्होंने महावीर जयंती पर महात्मा बुद्ध की तस्वीर लगाकर लोगों को त्योहार की शुभकामनाएंं दी थी. जिसके बाद लोग उन्हें बुद्ध और महावीर अंतर नहीं मालूम होने का ताना देने लगे.
इंट्रप्शन को इंट्रोगेशन बोलते नजर आए थे शिक्षामंत्री
इससे पहले वह बिहार विधानपरिषद में इंट्रप्शन को इंट्रोगेशन बोलते नजर आए थे. तब उन्होंने भाषण के दौरान बार-बार टोके जाने पर कहा था- सभापति महोदय कितना इंट्रोगेशन हुआ. इस पर सभापति ने उन्हें टोका कि इंट्रोगेशन नहीं इंट्रप्शन होगा. सभापति के बोलने के बावजूद भी वह शब्दों का सही उच्चारण नहीं कर पाए थे. इससे पहले वह रामचरितमानस पर विवादित बयान देकर सुर्खियों में आए थे. तब उन्होंने रामचरितमानस को समाज को बांटने वाला धर्मग्रथं बताया था.