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भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन को बड़ी राहत, दुष्कर्म मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश को दिल्ली HC ने किया रद

बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन और उनके भाई शाहबाज हुसैन को दिल्ली हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने सेशन कोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया है जिसमें शाहनवाज और शाहबाज पर केस दर्ज करने का आदेश दिया गया था। हालांकि अपने फैसले में हाईकोर्ट ने कहा कि दोनों पक्ष लोअर कोर्ट में जाकर मामले की सुनवाई के लिए तारीख तय करने की मांग कर सकते हैं।

जानते हैं कि क्या है पूरा मामला

एनजीओ चलाने वाली एक महिला ने आरोप लगाया था कि शाहनवाज हुसैन के भाई शाहबाज हुसैन से वो अपने काम के सिलसिले में मिली थी। दोनों के बीच प्रेम संबंध बन गए। उसके बाद शाहबाज ने कई दफा उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। उसने उसे आश्वस्त किया था कि वो उससे शादी भी करेगा। लेकिन जब महिला ने जोर दिया तो वो पीछे हटने लगा। हालांकि 2017 में शाहबाज ने मौलवी की मौजूदगी में महिला से निकाह कर लिया। लेकिन महिला को बाद में पता चला कि शाहबाज पहले से शादी शुदा है। उसके दो बच्चे भी हैं।

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मौलवी ने दिया था जाली मैरिज सर्टिफिकेट

महिला का ये भी कहना है कि जनवरी 2017 में जिस मौलवी ने दोनों की शादी कराई उसने निकाह का झूठा सर्टिफिकेट जारी किया था। महिला को जब शाहबाज के सच का पता चला तो उसने शाहनवाज हुसैन से शिकायत की। लेकिन उनका कहना था कि ज्यादा चीख पुकार करने की जरूरत नहीं है। महिला का आरोप है कि शाहनवाज ने उसे अपना मुंह बंद रखने के लिए कहा था। वो उसे लगातार धमकाता भी रहा।

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महिला ने 21 सितंबर और 19 दिसंबर 2017 में पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई। लेकिन पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया। उसके बाद महिला ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। लेकिन मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने केस दर्ज करने को लेकर कोई आदेश देने से इनकार कर दिया। महिला ने सेशन कोर्ट में गुहार लगाई को एडिशनल सेशन जज ने पुलिस को केस दर्ज करने का आदेश दिया।

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शाहनवाज और उनके भाई ने फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में अपील की। जस्टिस अमित महाजन ने दोनों की याचिका पर सुनवाई करते हुए एडिशनल सेशन जज के आदेश को खारिज कर दिया। गौरतलब है कि एक दूसरे मामले में शाहनवाज के ऊपर पहले भी रेप का केस दर्ज हो चुका है। दिल्ली हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश में दखल देने से इनकार कर दिया था।

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