बिहार का परेब गांव बनेगा देश का पीतल हब, सीएम नीतीश कुमार ने किया यह ऐलान
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पीतल के बर्तनों के लिए जाने जाना वाला पटना जिले के बिहटा प्रखंड का परेब यूपी के मुरादाबाद की तर्ज पर विकसित होगा। राज्य सरकार परेब को पीतल का हब बनाएगी। मुरादाबाद की तरह सब्सिडी भी लागू की जाएगी। रविवार को समाधान यात्रा के दौरान बिहटा प्रखंड में विकास की योजनाओं का जायजा लेने के क्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि परेब के पीतल की चमक पूरे देश मे फैलेगी। सीएम ने अधिकारियों से कहा कि पीतल व कांस्य कुटीर उद्योग को और बढ़ावा देने के लिए जो भी संभव हो करें।
दो हजार कारीगर को रोजगार, बनाएंगे डिजाइनदार बर्तन
पीतल के अत्याधुनिक डिजाइन के बर्तन दो हजार कारीगर बनाएंगे। परेब पीतल उद्योग से जुड़े लगभग इन कारीगरों को अत्याधुनिक डिजाइन के बर्तन बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। देश के प्रसिद्ध कारीगरों से प्रशिक्षण मिलेगा। इसके अलावा परेब में ही एक कच्चा माल बैंक की स्थापना की जाएगी ताकि डिमांड के अनुसार बर्तन को बनाया जा सके। यहां अत्याधुनिक तकनीकयुक्त मशीनें भी उद्योग विभाग की ओर से स्थापित होगी ताकि कारीगरों को अलग-अलग डिजाइन के बर्तन बनाने में सुविधा हो।
960 लाख रुपये की कार्ययोजना
बिहटा प्रखंड के परेव गांव के लिए राज्य सरकार ने 960 लाख रुपये की कार्ययोजना को मूर्त रूप दे दिया है। इससे यहां रहने वाले 500 परिवारों के कारीगरों को रोजगार के साथ-साथ देश और दुनिया के स्तर पर पीतल के बर्तन बेचने का एक बाजार भी मिल जाएगा। जिला प्रशासन और उद्योग विभाग द्वारा तैयार सूक्ष्म लघु क्लस्टर योजना पर जल्द ही काम शुरू होने जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा रविवार को इस क्षेत्र का भ्रमण के बाद योजना में गति आने की संभावना है।
कारीगरों की आय चार गुना तक बढ़ेगी
योजना के तहत परेब गांव के कारीगरों को आठ प्रकार के पीतल बनाने की मशीनें उपलब्ध कराई जाएंगी। इन मशीनों से 11 प्रकार के पीतल के बर्तन बनाए जा सकते हैं। अधिकारियों का कहना है कि पीतल उद्योग से अगले तीन वर्षो में कारीगरों की आय चार गुना तक बढ़ सकती है। इसके अलावा कलस्टर के मौजूदा टर्नओवर को पांच गुना बढ़ाने की योजना है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार तक ले जाने की योजना
बर्तनों का उत्पादन भी अत्याधुनिक मशीन से होने की वजह से उत्पादन भी पांच गुना अधिक होने की उम्मीद है। कॉमन फैसिलिटी सेंटर के जरिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाजार में बेचने की योजना है। यहां के भी पीतल के बर्तन पर अलग-अलग कला कृतियां देखने को मिलेगी। पीतल उद्योग को आधुनिक बनाने के लिए राज्य सरकार की ओर से कुल 960.10 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। इसमें सॉफ्ट इंटरवेंशन में 31.50 लाख रुपये, हार्ड इंटरवेंशन में रॉ मेटेरियल बैंक बनाने केलिए 73.12 लाख रुपये, मशीनों को खरीदने के लिए 661.09 लाख रुपये तथा सामान्य सुविधा केंद्र के लिए 166.43 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे।