डिजिटल लेन-देन करते हैं तो यह खबर पढ़ना जरूरी है, पेटीएम पेमेंट बैंक पर पाबंदी के बाद सतर्कता बढ़ी…
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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा पेटीएम पेमेंट बैंक पर पाबंदी ने शहर के व्यापारियों, कारोबारियों और आम उपभोक्ताओं को सतर्क कर दिया है। पेमेंट बैंक पर पाबंदी का असर कंपनी के यूपीआई एप पर भी पड़ने लगा है। उपभोक्ता व कारोबारी डिजिटल एप के माध्यम से लेनदेन को लेकर सावधान हो गए हैं। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की बिहार इकाई के प्रदेश अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा व महासचिव दुर्गा प्रसाद गुप्ता ने बैंक व एप के उपयोग करने वाले व्यापारियों को सावधानी बरतने व अन्य पेमेंट एप पर शिफ्ट होने की सलाह दे दी है।
कारोबारी संगठनों के अनुसार बाजार में कई जगहों पर कंपनी के क्यूआर कोड की जगह दूसरे पेमेंट एप के माध्यम से भुगतान कारोबारी लेने लगे हैं। सरकारी बैंकों के जरिए बढ़ा लेन-देन ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए) के पूर्व संयुक्त सचिव डीएन त्रिवेदी कहते हैं कि पेटीएम बैंक पर प्रतिबंध के बाद बैंक लेनदेन पर असर पड़ा है।
सरकारी बैंकों से आरटीजीएस व एनईएफटी में बढ़ोतरी हुई है। पेटीएम वॉलेट के माध्यम से लेन-देन करने वाले कारोबारी अब सरकारी बैंकों के ऑनलाइन माध्यम से लेन-देन करने लगे हैं। बड़ी संख्या में लोगों ने पेटीएम बैंक और वॉलेट में पैसा जमा करा रखा है। बैंक यूनियन के नेता बताते हैं कि पेटीएम बैंक और पेटीएम यूपीआई अलग-अलग हैं।
यूपीआई के माध्यम से भुगतान
कारोबारी प्रिंस कुमार राजू कहते हैं कि कपड़े, जूते, ज्वेलरी, फल, सब्जी, रेस्टोरेंट, होटल समेत सभी जगह डिजिटल पेमेंट हो रहा है। नोटबंदी और कोरोना संक्रमण के बाद डिजिटल पेमेंट को पटनावासियों ने अपनाया है। उन्होंने कहा कि एक रिपोर्ट के अनुसार नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के अनुसार देश में यूपीआई ट्रांजेक्शन वॉल्यूम में पेटीएम का हिस्सा 12.1 प्रतिशत है। वहीं गूगल पे 36.7 प्रतिशत और फोन पे 47.3 प्रतिशत है।
31 जनवरी 2024 को आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट बैंक पर नोटिस जारी किया था। जिसमें कहा गया था कि 29 फरवरी 2024 के बाद पेटीएम पेमेंट बैंक किसी भी प्रकार की लेनदेन नहीं कर सकेगा। पेमेंट बैंक पर पहले से ही नए ग्राहक बनाने पर रोक लगाई गई थी। पेमेंट बैंक ने आरबीआई की कई गाइडलाइन का पालन नहीं किया। बैंक पर केवाईसी प्रावधानों में शिथिलता बरतने, एक ही पैन पर कई-कई अकाउंट जोड़ने जैसे मामलों की जांच आरबीआई कर रही है।