दिलप्रीत सिंह के दो गोल की मदद से भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने रविवार को दक्षिण कोरिया को फाइनल में 4-1 से हराकर गोल्ड मेडल जीता। भारत ने चौथी बार एशिया कप खिताब जीता है और इसके साथ ही वह पांच बार की चैंपियन कोरिया के बाद टूर्नामेंट की दूसरी सबसे सफल टीम बन गई। इसके साथ ही हरमनप्रीत सिंह के नेतृत्व वाली भारतीय टीम ने अगले साल होने वाले विश्व कप के लिये भी क्वालीफाई कर लिया। इससे पहले भारत 2017 में मलेशिया को हराकर चैंपियन बना था। कोरिया के खिलाफ फाइनल में भारत के लिए सुखजीत सिंह ने पहले ही मिनट में गोल दागा, जबकि दिलप्रीत ने 28वें और 45वें मिनट में गोल किए। अमित रोहिदास ने 50वें मिनट में चौथा गोल दागा। वहीं पांच बार की चैंपियन दक्षिण कोरिया के लिए एकमात्र गोल 51वें मिनट में डेन सोन ने किया ।
भारत ने टूर्नामेंट में पांच जीत दर्ज की और एक ड्रॉ खेला। हरमनप्रीत सिंह की कप्तानी वाली टीम ने तीनों पूल मैच जीते। सुपर 4 चरण में मलेशिया को 4-1 और चीन को 7-0 से हराया जबकि कोरिया से मैच 2-2 से ड्रॉ रहा था। भारत ने इससे पहले 2003, 2007 और 2017 में एशिया कप जीता था। दक्षिण कोरिया ने 1994, 1999, 2009, 2013 और 2022 में खिताब जीता है।
खचाखच भरे राजगीर खेल परिसर में भारत के लिये सुखजीत सिंह ने पहले ही मिनट में गोल दागा जबकि दिलप्रीत ने 28वें और 45वें मिनट में गोल किए। अमित रोहिदास ने 50वें मिनट में चौथा गोल दागा। वहीं पांच बार की चैंपियन दक्षिण कोरिया के लिए एकमात्र गोल 51वें मिनट में डेन सोन ने किया। भारत ने टूर्नामेंट में पांच जीत दर्ज की और एक ड्रॉ खेला। हरमनप्रीत सिंह की कप्तानी वाली टीम ने तीनों पूल मैच जीते। सुपर 4 चरण में मलेशिया को 4 -1 और चीन को 7-0 से हराया जबकि कोरिया से मैच 2-2 से ड्रॉ रहा था।
पहले ही सेकंड से भारतीय टीम ने आक्रामक शुरूआत की। डिफेंस, मिडफील्ड और फॉरवर्ड पंक्ति के बीच कमाल का तालमेल था और एक ईकाई के रूप में विरोधी गोल पर कई हमले बोले गए। दूसरी ओर कोरियाई टीम अधिकांश समय रक्षात्मक खेल दिखाती नजर आई जो उस पर भारी पड़ा। पहले दो क्वार्टर में भारतीय डिफेंस को भेदने में उसे कामयाबी नहीं मिली और गोल करने के मौके भी कोरियाई टीम बना नहीं सकी।
भारत के लिये पहला गोल 30वें सेकंड में सुखजीत ने दागा। कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने बायें फ्लैंक से शानदार प्रदर्शन करते हुए सुखजीत को गेंद सौंपी जिसने बायें कार्नर पर से रिवर्स हिट लगाकर गेंद को गोल के भीतर डाला। दिलप्रीत आठवें मिनट में गोल करने के करीब पहुंचे लेकिन विवेक सागर प्रसाद के पास पर उनका शॉट कोरियाई गोलकीपर जेहान किम ने बचा लिया। अगले ही मूव पर भारत को पेनल्टी स्ट्रोक मिला लेकिन जुगराज सिंह की कोशिश नाकाम रही । भारतीय आक्रामक पंक्ति ने कोरियाई डिफेंस को पूरे मैच में दबाव में रखा।
हरमनप्रीत ने हवा में गेंद उछालकर बाएं कॉर्नर पर संजय को पास दिया जिसने सर्कल के भीतर दिलप्रीत को गेंद सौंपी। उन्होंने गोल करके हाफटाइम तक भारत को 2-0 से बढ़त दिला दी ।कोरिया को पहला मौका 40वें मिनट में लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर के रूप में मिला लेकिन भारतीय डिफेंस एक बार फिर अडिग था।
भारत को पहला पेनल्टी कॉर्नर 44वें मिनट में मिला लेकिन हरमनप्रीत की कोशिश पहले रशर ने नाकाम कर दी । तीसरे क्वार्टर के आखिर में दिलप्रीत ने भारत के लिये एक और गोल किया।हरमनप्रीत ने फ्री हिट पर राजकुमार पाल को पास दिया जिन्होंने दिलप्रीत को गेंद सौंपी और उन्होंने गोल करने में कोई गलती नहीं की। पांच मिनट बाद भारत को एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला जिसे रोहिदास ने गोल में बदला। कोरिया के लिये आखिरी मिनटों में सोन ने एकमात्र गोल किया। वहीं मलेशिया ने चीन को 3 . 0 से हराकर तीसरा स्थान हासिल किया । जापान ने बांग्लादेश को हराकर पांचवां स्थान पाया
दक्षिण कोरिया ने पांच बार एशिया कप की ट्रॉफी अपने नाम की है। भारत पाकिस्तान को पीछे छोड़ते हुए सबसे ज्यादा एशिया कप का खिताब जीतने के मामले में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। भारत ने चार बार एशिया कप अपने नाम किया है। पाकिस्तान की टीम तीन बार (1982,85, 89) खिताब जीतने में सफल रही है।
इस जीत के साथ ही भारतीय टीम ने अगले साल बेल्जियम और नीदरलैंड की संयुक्त मेजबानी में होने वाले विश्वकप के लिए भी क्वालिफाई कर लिया। अगला विश्व कप 14 से 30 अगस्त तक बेल्जियम और नीदरलैंड में होना है। भारत ने अब तक सिर्फ एक बार 1975 में कुआलालंपुर विश्व कप जीता है।
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