समस्तीपुर के इस स्कूल में घुसकर महिला हेडमास्टर के कनपटी पर छात्रों के सामनें युवक ने तान दी पिस्तौल, अनिश्चितकालीन समय के लिए विद्यालय हुआ बंद…
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समस्तीपुर/विभूतिपुर :- विभूतिपुर प्रखंड के सिंघिया बुजुर्ग दक्षिण पंचायत के वार्ड संख्या-14 स्थित प्राथमिक विद्यालय भिड़ी टोल में शुक्रवार को पिस्तौल लहराते पहुंचे अपराधियों ने वर्ग कक्ष में बच्चों के सामने ही प्रभारी HM नीतू कुमारी को पिस्तौल सटा जान मारने की धमकी। इसे देख बच्चे हतप्रभ रहे गये। उस समय HM वर्ग कक्ष में बच्चों की उपस्थिति बना रही थी।
वर्ग कक्ष में पिस्तौल लिए पहुंचे अपराधियों ने प्रभारी HM से स्कूल के पूर्व शिक्षक महेश मास्टर का पता जल्दी नहीं बताने पर जान से मार देने की धमकी दी। इस घटना से स्कूल में अफरा-तफरी मच गई। छात्रों के शोर मचाने पर बदमाश भाग निकले। उसके बाद घटना की जानकारी थाना को दी गई।
सूचना मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंच मामले की जांच शुरू कर दी। इधर, डरी-सहमी शिक्षिका नीतू कुमारी ने विद्यालय बंद कर BRC में योगदान दे दिया। BRC में योगदान देने के बाद प्रभारी HM नीतू कुमारी ने विभूतिपुर थाने में BEO के माध्यम से आवेदन भी दिया है। आवेदन पर BEO ने थानाध्यक्ष से कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।
आवेदन में शिक्षिका ने कहा है कि शुक्रवार को वह वर्ग में तीसरे और पांचवे के बच्चों की उपस्थिति बना रही थी। तभी सिंधिया बुजुर्ग दक्षिण पंचायत वार्ड संख्या-14 भिड़ी टोल के राकेश पासवान पिस्तौल लहराते हुए वर्ग कक्ष में प्रवेश किया और उनके सिर में पिस्तौल सटा जान मारने की धमकी दी। गाली देते हुए उसने पूछा कि महेश मास्टर कहां है। जल्दी बताओ नहीं तो जान से मार देंगे। यह बात किसी को बताने पर पुन: गोली से छलनी करने कर धमकी दी। वह इसी विद्यालय का पूर्व छात्र भी बताया गया है।
शोरगुल सुनकर विद्यालय में कार्यरत टोला सेवक नीलम कुमारी आई तो उसे भी जान से मारने की धमकी दी। HM ने आवेदन में कहा है कि इस घटना का प्रत्यक्षदर्शी वर्ग के सभी बच्चे एवं रसोईया है। इस संबंध में पूछे जाने पर थानाध्यक्ष संदीप कुमार पाल ने बताया कि पिस्टल से शिक्षिका के धमकाने की बात आ रही है। मामले की जांच की जा रही है।
बता दें कि पूर्व मुखिया सुरेंद्र प्रसाद सिंह एवं उनके सहयोगी सत्यनारायण सिंह दोहरे हत्याकांड में प्राथमिक विद्यालय भिड़ी टोल के शिक्षक महेश कुमार को भी नामजद आरोपी बनाया गया था। जिसके बाद महेश कुमार ने न्यायालय में आत्म समर्पण किया था। कोर्ट से जमानत मिलने के बाद जेल से वे बाहर निकले। उनके विद्यालय में योगदान करने की चर्चा थी। परंतु विद्यालय की स्थिति असहज होने और जानमाल के खतरे को देखते हुए उन्हें दूसरे विद्यालय में योगदान कराया गया है।