जलवायु परिवर्तन के कारण स्वास्थ्य भी हो रहा प्रभावित, समस्तीपुर सदर अस्पताल में वायरल बुखार, सर्दी खांसी के अलावे एलर्जी मरीजों की संख्या बढ़ी
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समस्तीपुर :- जलवायु परिवर्तन के कारण बीमारियां भी बढ़ी हैं। मौसम के बदलते ही सदर अस्पताल में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। सदर अस्पताल के ओपीडी में प्रतिदिन लगभग सात से आठ सौ मरीज पहुंच रहे हैं। इसमें सर्वाधिक मरीज वायरल बुखार, सर्दी खांसी के अलावे एलर्जी के भी पहुंच रहे हैं। यूं कहें तो ओपीडी में ऐसे मरीजों की संख्या लगभग 60 प्रतिशत होती है, जिसमें सर्दी-खांसी व बुखार की शिकायत हो रही है।
वहीं ओपीडी में 80 से 90 मरीज एलर्जी के भी रोज पहुंच रहे हैं। चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. रश्मिरानी ने बताया कि तेज धूप व गर्मी के कारण एलर्जी की मरीजों की संख्या बढ़ी है। इसमें तेज धूप व धूल मुख्य कारण है। इसके कारण शरीर पर चकत्ता होना, चेहरा काला या लाल हो जाना, खुजली की शिकायत प्रमुख रुप से किसी ना किसी एलर्जी के कारण होता है।
बुखार व सर्दी खांसी हो रही है जिद्दी:
ओपीडी में सर्दी खांसी व बुखार के मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। मौसम के कारण सर्वाधिक मरीजों में यही शिकायत है। इसके कारण बच्चे, बूढ़े एवं युवा वर्ग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। पहले जहां तीन से चार दिन में सर्दी खांसी व बुखार में आराम मिल जाता था, वहीं अब दस से 15 दिनों तक लोगों को परेशान करना है। डॉ. नागमणी राज ने कहा कि मौसम के कारण यह होता है। मौसम में बदलाव होता है तो वायरल बुखार या अन्य बीमारी का प्रकोप भी बढ़ता है। लोगों को सतर्कता बरतने की जरुरत है।
दवाओं की है व्यवस्था :
सदर अस्प्ताल में मरीजों की भीड़ बढ़ने के कारण दवा काउंटरों पर भी भीड़ बढ़ गयी है। सदर अस्प्ताल में लिवो सिट्रीजीन के अलावे अन्य सभी प्रमुख दवा उपलब्ध है। पिछले कई महीनों से सिट्रिजीन दवा नहीं है। जानकार का कहना है कि एलर्जी में यह प्रमुख दवा है। वैसे सदर अस्प्ताल के डीएस डॉ. गिरीश कुमार का कहना है कि सभी प्रकार की प्रमुख दवाएं उपलब्ध है। सिट्रीजीन के बदले दूसरी दवा उपलब्ध है। उसे दिया जा रहा है। मौसम के कारण संक्रमण बीमारी से संबंधित मरीजों की संख्या बढ़ी है। ओपीडी एवं दवा काउंटर पर भीड़ पहुंच रही है।