समस्तीपुर समेत 10 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट, शराबबंदी लागू करने को जीविका दीदी अब बनेंगी ‘मद्य निषेध प्रहरी’
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शराबबंदी को सफल बनाने के लिए अब मद्य निषेध प्रहरी की तैनाती हाेगी। ये प्रहरी अपने इलाके में मद्य निषेध प्रहरी शराबबंदी के सकारात्मक प्रभाव और फायदों का प्रचार प्रसार करेंगे। साथ ही किसी प्रकार के अवैध शराब के निर्माण की रोकथाम में सरकार का सहयोग करेंगे। प्रहरी के रूप में जीविका दीदी की ही तैनाती हाेगी क्याेंकि अब तक यही शराबबंदी काे सफल बनाने में बड़ी भूमिका निभाती रही है।
मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग “मद्य निषेध प्रहरी’ योजना के पहले चरण में पायलट प्रोजेक्ट के तहत नालंदा, पटना, गया, मुजफ्फरपुर, वैशाली, सारण, भोजपुर, जहानाबाद, अरवल एवं समस्तीपुर में इसे लागू करेगा। यदि किसी व्यक्ति पर मद्य निषेध अधिनियम के तहत कोई केस चल रहा हो अथवा वह दोषी करार दिया गया हो तो उसे मद्य निषेध प्रहरी नहीं बनाया जाएगा। हालांकि उसके परिवार के अन्य सदस्य बन सकेंगे। एक परिवार से एक ही सदस्य को मद्य निषेध प्रहरी बनाया जाएगा। डीएम की अध्यक्षता में मद्य निषेध प्रहरियों के चयन के लिए समिति का गठन किया जाएगा।
मद्य निषेध प्रहरी को मिलेगा 10 हजार रु. प्रतिमाह मानदेय
मद्य निषेध प्रहरी को मानदेय के रूप में 10 हजार रुपए प्रतिमाह देने की योजना है। नालंदा डीएम शशांक शुभंकर ने कहा कि शराब बंदी को और सख्ती से लागू करने को लेकर मद्य निषेध प्रहरी की योजना की गाइडलाइन पर जल्द ही अमल किया जाएगा। ये अपने इलाके में मद्य निषेध अधिनियम के सभी प्रावधानों को लागू कराएंगे।