दरोगा को गोली मारने वाले समस्तीपुर के दो भाई यूपी पुलिस के एनकाउंटर में ढेर, 2 महीने पहले पटना कोर्ट से भागे थे
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वाराणसी में दारोगा से पिस्टल लूट और उसको गोली मारने की घटना के बाद सक्रिय हुई वाराणसी पुलिस बदमाशों की तलाश में जुटी हुई थी कि सोमवार की सुबह में आरोपितों संग पुलिस की मुठभेड़ हो गई। इस बाबत जानकारी सामने आने के बाद आला अधिकारियों ने भी मौके पर पहुंचकर अपराधियों के बारे में जानकारी करनी शुरू की। बाद में उनकी पहचान सामने आने के बाद पुलिस के भी होश उड़ गए।
दरअसल दोनों ही मारे गए बदमाशों का संबंध बिहार में समस्तीपुर जिले से था। पुलिस की गोलियों से मृत रजनीश और मनीष समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत आनंदगोलवा का रहने वाला है। तीन भाईयों में रजनीश सबसे छोटा और मनीष मंझला भाई था। ललन उर्फ बउआ सबसे बड़ा था, वह फरार है।
पुलिस के अनुसार यह तीनों अत्यंत शातिर हत्यारे और लुटेरे हैं। इनकी बाकी की आपराधिक जानकारी बिहार पुलिस से मांगी गई है। इस लिहाज से पुलिस अंदाजा लगा रही है कि यह बदमाश यूपी से वारदात करने के बाद बिहार और बिहार में अपराध करने के बाद यूपी में लंबे समय से सक्रिय रहे होंगे। पुलिस ने बिहार पुलिस से संपर्क किया तो प्रारंभिक जानकारी के अनुसार तीनों आरोपित हाल ही में पटना जेल से भागे हैं और बिहार पुलिस को इनकी कुछ दिनों से सरगर्मी से तलाश थी।
बैंक लूटकांड में समस्तीपुर से ही हुई थी गिरफ्तारी
छह मार्च, 2017 को बाढ़ के बेलछी थाना क्षेत्र के बाघाटिलहा गांव के समीप पंजाब नेशनल बैंक की शाखा से दिनदहाड़े 60 लाख रुपये लूटने के मामले में तीनों भाई आरोपित था। उस लूटकांड में बैंक के गार्ड योगेश्वर पासवान, सुरेश सिंह और चालक अजीत यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस मामले में पटना के तत्कालीन एसपी मनु महराज ने तीनों की गिरफ्तारी मोहिउद्दीननगर थाना क्षेत्र के आनंदगोलवा से ही की थी। पुलिस दोनों भाई को पटना ले गयी, वहीं तीसरे को स्थानीय पुलिस ने छोड़ दिया था। उस मामले में तत्कालिक मोहिउद्दीनगर थानाध्यक्ष असगर इमाम को निलंबित भी किया गया था। एक साल बाद रजनीश की गिरफ्तारी सिवना से हुयी थी।
सात सितंबर को बाढ़ हाजत से फरार हुए थे तीनों :
बैंक लूट मामले में गिरफ्तारी के पांच वर्ष बाद तीनों अपराधियों को बाढ़ उपकारा से न्यायालय में पेशी के लिए बाढ़ कोर्ट परिसर की हाजत में दोपहर 12 बजे लाया गया था। मामले की सुनवाई एडीजे-05 रवि रंजन मिश्रा के न्यायालय में होनी थी। पेशी के पहले ही तीनों बदमाश हाजत से सटे बाथरूम की दीवार को तोड़कर करीब तीन बजे फरार हो गए थे। तबसे तीनों फरार चल रहा था।
पुलिस ने बदमाशों को रोकने का प्रयास किया था :
पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने बताया कि दरोगा अजय यादव को गोली मार कर पिस्टल लूटने की घटना को अंजाम देने वाले बदमाशों की तलाश में पुलिस टीमें लगातार लगी हुई थीं। आज सुबह सर्विलांस की मदद से पता लगा कि घटना में वांछित 3 बदमाश भेलखा गांव के पास रिंग रोड से गुजर रहे हैं। इस पर कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच और बड़ागांव थाने की पुलिस टीम ने घेराबंदी कर तीनों बदमाशों को रोकने का प्रयास किया तो वह फायरिंग शुरू कर दिए।
पुलिस की जवाबी कार्रवाई में दो बदमाश गंभीर रूप से घायल हुए। बदमाशों की गोली से क्राइम ब्रांच के सिपाही शिव बाबू भी घायल हुए हैं। पुलिस सभी को अस्पताल लेकर गई। अस्पताल में दोनों बदमाशों को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। घटनास्थल से भाग निकले एक बदमाश की तलाश के लिए पुलिस की 3 टीमें लगाई गई हैं।
बदमाशों के पास से बरामद हुई 9 MM Browning पिस्टल के मिलान की कार्रवाई के लिए उसे हेड आरमोरर के पास भेजा गया है। जांच के बाद आरमोरर ने कंफर्म किया है कि बदमाशों से बरामद हुई 9 MM Browning पिस्टल दरोगा से लूटी गई थी। उधर, अस्पताल में डॉक्टरों ने बताया कि दोनों बदमाशों के सीने पर गोली लगी थी। वहीं, सिपाही के दाएं हाथ को छूते हुए गोली निकली थी।